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Bihar Politics News: बिहार विधान परिषद में JDU ने BJP को पछाड़ा, बन गई सबसे बड़ी पार्टी

बिहार विधान परिषद में जदयू ने भाजपा को फिर पछाड़ दिया। आंकड़ों का यह खेल मंगलवार को हुआ। जदयू एक बार फिर बिहार विधान परिषद में बड़ी पार्टी बन गई है। दूसरे नंबर पर बीजेपी आ गई।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 06:11 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 05:38 PM (IST)
Bihar Politics News: बिहार विधान परिषद में JDU ने BJP को पछाड़ा, बन गई सबसे बड़ी पार्टी
Bihar Politics News: बिहार विधान परिषद में JDU ने BJP को पछाड़ा, बन गई सबसे बड़ी पार्टी

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधान परिषद में जदयू ने भाजपा को फिर पछाड़ दिया। आंकड़ों का यह खेल मंगलवार को हुआ। जदयू एक बार फिर बिहार विधान परिषद में बड़ी पार्टी बन गई है। दूसरे नंबर पर बीजेपी आ गई। बीते 23 मई को जब राज्यपाल कोटे की 10 सीटें खाली हुई थीं, भाजपा 17 सदस्य और एक समर्थित निर्दलीय अशोक कुमार के सहारे परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी। लेकिन ठीक एक महीने के भीतर जदयू ने बिहार विधान परिषद में अपना एक नंबर का दर्जा हासिल कर लिया। 

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दरअसल, बिहार विधान परिषद की संरचना मंगलवार को अचानक बदल गई। राजद के पांच सदस्यों के शामिल होते ही अब इस सदन में जदयू सदस्यों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है, जबकि आठ में से पांच सदस्यों के निकल जाने से राजद सदस्यों की संख्या तीन रह गई है। समर्थित निर्दलीय सदस्य रीत लाल यादव को भी जोड़ दें तो उसकी संख्या चार है।

विधायकों के वोट से जल्द ही परिषद की नौ सीटें भरी जाएंगी। इसके बाद भी जदयू का एक नंबर वाला दर्जा कायम रहेगा। तब उसकी सदस्यों की संख्या 23 पर पहुंच जाएगी। इसमें दो सीटें भाजपा को भी मिलेंगी। उसकी सदस्य संख्या 20 हो जाएगी। तीन सीट हासिल कर राजद के छह सदस्य सदन में रहेंगे। फिर भी उसे संविधानिक तौर पर विपक्ष का दर्जा नहीं मिल पाएगा। कांग्रेस की सीटों में सिर्फ एक का इजाफा होगा। उसके कुल तीन सदस्य हो जाएंगे। हम औऱ लोजपा की संरचना में कोई बदलाव नहीं होगा। दोनों के पहले की तरह एक-एक सदस्य रहेंगे।

राज्यपाल के मनोनयन से भी 12 सीटें जल्द भरी जाएंगी। इनमें से सात या आठ सीटें जदयू के खाते में जाने की सम्भावना है। यह संख्या परिषद में उसे और मजबूती देगी। शिक्षक और स्नातक क्षेत्र की आठ सीटों पर चुनाव फिलहाल लंबित है। इन चुनावों के आधार पर परिषद की संरचना में बदलाव हो सकता है। स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार की 24 सीटों का चुनाव 2021 में होगा। उसके बाद ही परिषद की दलगत स्थिति में बड़ा बदलाव हो सकता है। 


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