Bihar Politics: अचानक अपने MLAs के साथ राजभवन जा पहुंचे मंत्री मुकेश सहनी, फैल गई इस्तीफे की खबर
Bihar Politics बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री व वीआइपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी के विधायक दल की बैठक की। इसके बाद अचानक वे अपने सभी चार विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंच गए। रविवार की इस घटना के बाद उनके इस्तीफे की अटकलें लगने लगीं।
पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्क। Bihar Politics बिहार सरकार में पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री तथा विकासशील इनसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) के इस्तीफे की खबर तब जंगल की आग की तरह फैली, जब वे राजभवन में राज्यपाल से मिलने गए थे। देखते-देखते राजभवन के बाहर मीडिया की भीड़ जमा हो गई। बाहर आकर उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी इस्तीफा देने का इरादा नहीं है, लेकिन निषाद समाज के हित में जरूरत पड़ी तो इस्तीफा देने में देर भी नहीं करेंगे। फिलहाल बिहार सरकार में मुझे कोई दिक्कत नहीं है। दरअसल, मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी के विधायक दल की बैठक की और अपने चारों विधायकों के साथ राज्यपाल के पास मिलने जा पहुंचे। मुकेश सहनी केंद्र सरकार द्वारा निषाद जाति को अनुसूचित जाति में शामिल नहीं करने से आहत हैं। उनके इस अचानक के कदम से अटकलों का बाजार गरम हो गया।
केंद्र द्वारा प्रस्ताव खारिज करने पर आहत
मुकेश सहनी ने निर्णय लिया है कि निषाद जाति को अनुसूचित जाति में शामिल कराने के लिए वे खुद संघर्ष करेंगे। सहनी केंद्र द्वारा प्रस्ताव खारिज होने से काफी आहत हैं। इस मसले पर वे अपना विरोध दर्ज कराने रविवार को राजभवन तक पहुंचे थे। इससे पहले सहनी ने आज ही अपनी पार्टी के नेताओं की अहम बैठक बुलाई थी, जिसमें निषाद आरक्षण के मसले पर चर्चा हुई। बैठक के बाद सहनी ने प्रेस से बात की और कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निषाद जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के प्रस्ताव को नामंजूर किए जाने से उन्हें काफी तकलीफ हुई है। वे इस मसले को अपनी पार्टी का एजेंडा बनाकर आगे बढ़ेंगे।
मंत्री रहते हुए करेंगे संघर्ष
इसके बाद दोपहर सहनी पार्टी नेताओं को साथ लेकर राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल से मिलकर निषाद जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए ज्ञापन दिया। सहनी का आरोप है कि निषाद जाति के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। बिहार में एनडीए की सरकार का हिस्सा हैं और मंत्री और सरकार में रहते हुए वह इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे। सहनी ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ अपने अधिकार और निषाद समाज के लिए वह इस लड़ाई लड़ेंगे और लड़ाई को आगे भी ले जाएंगे।
मुकेश सहनी राज्यपाल फागू चौहान को ज्ञापन सौंपते हुए । जागरण फोटो।
तुरंत फैसले लेने के लिए जाने जाते सहनी
बता दें कि बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी अचानक बड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। बिहार विधान सभा चुनाव से ऐन पहले वे राजद और तेजस्वी यादव से नाराज होकर महागठबंधन से अलग हो गए थे। महागठबंधन में उन्होंने डिप्टी सीएम पद की मांग रखी थी। मगर चुनाव से पहले महत्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट बनाने की घोषणा तो कर दी गई मगर सहनी को इग्नोर कर दिया गया। घोषणा होते ही वे गुस्से में तुरंत ही प्रेस काॅन्फ्रेंस से निकल गए थे। मीडिया में अपना आक्रोश जाहिर किया था। एनडीए में शामिल हाेने पर बीजेपी ने वीआइपी को अपने कोटे से 11 सीटें दी जिसमें से चार सीटों पर वीआइपी ने जीत दर्ज कराई मगर मुकेश सहनी अपनी सीट बचा नहीं सके। हारने के बाद भाजपा ने उन्हें विधान परिषद से सदस्य बनाकर मंत्री बनाया है।