अकेले में मिले जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी तो उड़ने लगी चर्चा, कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना
Bihar Politics बिहार की मौजूदा एनडीए सरकार में इन दोनों दलों के विधायकों की संख्या इतनी महत्वपूर्ण है कि थोड़ा इधर-उधर होने पर पूरा बैलेंस गड़बड़ा सकता है। यही वजह है कि शनिवार को जब दोनों नेताओं ने अचानक मुलाकात की तो कई तरह की चर्चाएं चलने लगीं।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Bihar Politics: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी CM बनने से पहले राजनीतिक रूप से जितना शांत रहते थे, उतना ही अब सक्रिय। उनके विरोधी उन्हें राजनीतिक रूप से अतिसक्रिय और जरूरत से अधिक महात्वाकांक्षी कहने से भी गुरेज नहीं करते। लगभग ऐसी ही बातें विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के सुप्रीमो और राज्य के पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी के बारे में भी कही जाती है। बिहार की मौजूदा एनडीए सरकार में इन दोनों दलों के विधायकों की संख्या इतनी महत्वपूर्ण है कि थोड़ा इधर-उधर होने पर पूरा बैलेंस गड़बड़ा सकता है। यही वजह है कि शनिवार को जब दोनों नेताओं ने अचानक मुलाकात की तो कई तरह की चर्चाएं चलने लगीं। आगे जानिए इस मुलाकात के मायने और इस पर चल रही चर्चाओं के बारे में...
आज पटना स्थित अपने आवास पर पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को बढ़ाए जाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री सन ऑफ मल्लाह @sonofmallah मुकेश सहनी जी से विमर्श हुआ। pic.twitter.com/lAXNx3eDXp
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 29, 2021
दोनों नेताओं ने दी मुलाकात की जानकारी
हम के सुप्रीमो मांझी और वीआइपी के नेता मुकेश सहनी, दोनों ने अपने ट्विटर अकाउंट पर तस्वीर साझा करते हुए इस मुलाकात की जानकारी दी। यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है कि हाल में ही बिहार सरकार ने अपने मंत्रियों को लॉकडाउन में इधर-उधर भ्रमण करने से बचने की सलाह दी है। दोनों नेताओं ने कहा कि उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को चुनाव होने तक बढ़ाने के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा की। उनकी इस चर्चा में क्या हुआ, ये तो यहीं दोनों नेता ही जानें, लेकिन उनके अन्य मुद्दों को लेकर बिहार के सियासी गलियारे और ट्विटर पर भी चर्चा छिड़ चुकी है।
आज NDA के सहयोगी एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री @jitanrmanjhi जी से मुलाक़ात हुई एवं विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई ।(1/2) pic.twitter.com/24uiNHKU7P
— Mukesh Sahani (@sonofmallah) May 29, 2021
ट्विटर यूजर्स ने पूछा- क्या पाला बदलने की तैयारी
मांझी और सहनी के ट्वीट पर लोगों ने कई मिजाज के कमेंट किए हैं। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें दोनों नेताओं के पाला बदलने की चिंता है। कुछ यूजर्स ने इसको लेकर सवाल भी पूछे हैं तो कुछ ने दोनों नेताओं को राजद के साथ जुड़ने की सलाह दे डाली है। पुरुषोत्तम वत्स नाम के एक यूजर ने पूछा कि ये मुलाकात सत्ता परिवर्तन का संकेत तो नहीं? एक और यूजर ने पूछा कि कहीं सरकार पलटने पर तो विचार नहीं कर रहे हैं?
सुबह ही मांझी ने सरकार पर कसा था तंज
शनिवार की सुबह ही जीतन राम मांझी ने बिहार सरकार पर तंज कसा था। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ भी जोड़ दी थी, ताकि मामला बैलेंस रहे। मांझी ने सरकार को राज्य में स्वास्थ्य उप केंद्रों को बेहतर बनाने की सलाह दी थी, लेकिन इस सलाह की भाषा कुछ वैसी थी, जैसी आज कल इसी मुद्दे पर प्रमुख विपक्षी दल राजद की होती है। मांझी ने कहा कि लॉकडाउन कोविड का समाधान नहीं है। सही मायने में इस संकट से निपटना है तो गांव के स्वास्थ्य उपकेंद्रों को व्यवस्थित करना होगा।
किस रणनीति का संकेत है ये मुलाकात
मांझी और सहनी इन दोनों नेताओं की रणनीति तुरंत-तुरंत बनती और बिगड़ती है। इस वजह से इनको लेकर सियासी गलियारे में भी काफी अनिश्चितता रहती है। हालांकि फिलहाल इन दोनों नेताओं के एनडीए छोड़कर जाने की उम्मीद बेहद कम दिखती है। मांझी लगातार ही राजद सुप्रीमो लालू यादव, तेजस्वी यादव सहित उनके पूरे परिवार और पार्टी पर हमलावर बने हुए हैं। हालांकि मांझी की पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि मांझी और सहनी की मुलाकात में कुछ नया नहीं है। दोनों नेता हर महीने में तीन-चार बार मिलते रहते हैं।
सरकार से कुछ तो चाहते हैं मांझी और सहनी
मांझी और सहनी के पास केवल चार-चार विधायक ही हैं, लेकिन इन विधायकों की अहमियत इसलिए बहुत अधिक है, क्योंकि इन्हें मिलाकर बमुश्किल बहुमत का आंकड़ा पूरा हो रहा है। दोनों नेता इसे समझते हैं और इसकी पूरी कीमत चाहते हैं। सहनी को मलाल है कि उन्हें विधान परिषद में पूर्ण कार्यकाल वाली सीट नहीं दी गई। इसी तरह मांझी भी अपनी पार्टी के लिए एक और मंत्री पद व एमएलसी की एक सीट चाहते हैं। इसको लेकर दोनों नेता अपने-अपने तरीके से सरकार को संदेश देने की कोशिश करते रहते हैं। इस मामले में मांझी की सक्रियता सहनी से कहीं अधिक है।