Bihar Politics: तेजप्रताप का सियासी प्लान, LJP नेता के लिए साफ्ट कार्नर का आखिर क्या है राज
Bihar Politics अपने बयानों से पार्टी को कई बार असहज कर चुके तेजप्रताप यादव पिता लालू यादव से मुलाकात के बाद सियासी प्लान के तहत आगे बढ़ रहे हैं। गीता का उपदेश हो या लोजपा नेता के लिए साफ्ट कर्नर दोनों को लेकर वे फिर चर्चा में हैं।
पटना, आनलाइन डेस्क।Bihar Politics बिहार की सियासत में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) के बड़े बेटे और आरजेडी विधायक तेजप्रताप यादव (Tej Patap Yadav) चर्चा में लगातार बने रहते हैं। अपने बयानों से पार्टी में बवंडर मचा चुके तेजप्रताप यादव लगता है अब गीता के उपदेशों के जरिए अपनी मन की बात को सामने रख रहे हैं। वो लगातार ट्विटर पर कृष्ण और अर्जन के बीच के संवाद को पोस्ट कर रहे हैं। हालांकि उनके मन में क्या है ये तो आने वाले वक्त में सामने आएगा लेकिन तेजप्रताप का लोक जनशक्ति पार्टी ( पारस गुट) के छात्र नेता आकाश यादव को लेकर लगाव अब भी कम नहीं हुआ है।
आकाश यादव के लिए अब भी 'साफ्ट' हैं तेजप्रताप
राष्ट्रीय जनता दल का दामन छोड़कर लोजपा (पारस गुट) में शामिल हुए आकाश यादव को लेकर तेजप्रताप यादव के मन में अब भी साफ्ट कार्नर है। आरजेडी सुप्रीमो के बेटे तेजप्रताप यादव,आकाश यादव (Akash Yadav) को लेकर खुलेमंच से भले ही यह कह चुके हों कि जिसको जहां जाना है जा सकता है, कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन ट्विटर( Twitter) पर उनका आकाश यादव के लिए साफ्ट कार्नर साफ दिखता है। दरअसल छात्र लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आकाश यादव ने शनिवार को पूजा करते हुए तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की थी। इस पोस्ट पर कई तरह के कमेंट यूजर्स ने किए लेकिन सबसे खास बात ये रही कि इस तस्वीर को तेजप्रताप यादव के ट्वीटर हैंडल से भी लाइक किया गया। लोजपा में शामिल होने के बाद आकाश यादव ने आरजेडी पर कई तरह के आरोप लगाए थे। उसके बाद भी आकाश यादव की तस्वीर को तेजप्रताप यादव द्वारा लाइक करने के बाद अब सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
गौरतलब है कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने छात्र राजद से आकाश यादव की छुट्टी कर दी थी। जिसके बाद तेजप्रताप यादव ने पार्टी के अंदर बगावत के सुर को बुलंद कर दिया। तेजप्रताप यादव जगदानंद सिंह पर कार्रवाई के लिए अड़ गए। इसके साथ ही उन्होंने तेजस्वी यादव और उनके राजनीतिक सलाहकार संजय यादव पर भी कई गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन दिल्ली में पिता लालू यादव से मुलाकात कर पटना लौटाने के बाद तेजप्रताप यादव अब विवादों से दूरी बनाने में लगे हैं और गीता के उपदेशों के जरिए अपनी राजनीतिक जमीन की तलाश में जुटे हैं।