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लालू प्रसाद यादव की जमानत से एनडीए का एक दल भी खुश, क्‍या इस खुशी की कोई खास वजह है?

Lalu Prasad Yadav Bail राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने पर एनडीए में भी खुशी है। हालांकि ये खुशी एनडीए में शामिल चार दलों में से केवल एक को है और इस दल ने खुलकर अपनी खुशी का इजहार किया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 10:02 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 10:02 AM (IST)
लालू प्रसाद यादव की जमानत से एनडीए का एक दल भी खुश, क्‍या इस खुशी की कोई खास वजह है?
नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और जीतन राम मांझी। फाइल फोटो

पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। Lalu Prasad Yadav Bail: राजद के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने के बाद बिहार की राजनीति में गर्माहट आ गई है। लगातार 30-35 सालों से लालू बिहार की राजनीति की एक प्रमुख धुरी बने हुए हैं। लालू को जमानत मिलने पर उनका अपना दल राजद तो खुश है ही कांग्रेस ने भी खुशी जताई है। बिहार की सरकार में शामिल भाजपा और जदयू की प्रतिक्रिया उनकी जमानत पर कुछ आलोचनात्‍मक है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर कुछ खास नहीं कहा है। इन दोनों दलों का कहना है कि लालू को अपने कर्मों की सजा मिल रही है। इधर, दिलचस्‍प मामला यह है कि बिहार की एनडीए सरकार में शामिल चार दलों में से एक ने लालू की जमानत पर खुशी जाहिर की है। यह दल है जीतन राम मांझी के नेतृत्‍व वाला हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा।

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मांझी की पार्टी ने लालू की जमानत पर जताई खुशी

हिंदुस्तानी अवाम  मोर्चा (हम) ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने जमानत मंजूर होने के तुरंत बाद कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, लालू प्रसाद की तबीयत को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। उनको जमानत मिलने से खुशी का माहौल है। उम्मीद है कि जमानत के बाद वह अपने स्वास्थ्य का समुचित इलाज कराएंगे और ठीक होकर हमलोगों के बीच आएंगे। हम का यह स्‍टैंड भाजपा और जदयू के स्‍टैंड से अलग है।

गुजरे हफ्ते में कई मसलों पर अलग राय जाहिर कर चुका हम

मांझी की पार्टी हम बीते कुछ दिनों में कई मसलों पर बिहार की नीतीश सरकार और भाजपा-जदयू के स्‍टैंड से अलग राय जाहिर कर चुकी है। हालांकि ऐसे बयानों से कोई खास अर्थ निकालना जल्‍दबाजी हो सकता है। लेकिन लोगों में इसकी चर्चा तो है। राज्‍य में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी हम की राय कुछ जुदा रही। जीतन राम मांझी ने साफ तौर पर लॉकडाउन लगाए जाने का विरोध किया, जबकि कांग्रेस और राजद जैसी विरोधी पार्टियां सख्‍त फैसले के लिए समर्थन देते दिखीं। कुछ दिनों पहले मांझी ने बतौर पूर्व मुख्‍यमंत्री उनको कम सुविधाएं मिलने का मसला उठाया था। विधान परिषद के चुनाव में हिस्‍सेदारी नहीं मिलने पर भी उनकी पार्टी ने अफसोस जताया था।


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