Bihar Politics: जदयू ने उपेंद्र कुशवाहा को किया मजबूत, पार्टी के संविधान की धारा-28 में संशोधन
Bihar Politics पिछले माह दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हुई बैठक में जेडीयू के संविधान में संशोधन का प्रस्ताव पारित हुआ था। संशोधन के बाद पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष या तो स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे या फिर उन्हेंं किसी को अध्यक्ष व सदस्य मनोनीत कर सकेंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics जनता दल यूनाइटेड (JDU) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के संविधान की धारा- 28 में संशोधन को मंजूरी मिल गई। पिछले माह दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हुई बैठक में इसका प्रस्ताव पारित हुआ था। संशोधन के बाद पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष या तो स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे या फिर उन्हेंं किसी को अध्यक्ष व सदस्य मनोनीत करने का अधिकार होगा। वर्तमान में उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। इसके अतिरिक्त राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के निर्णय को राष्ट्रीय परिषद ने अपनी मंजूरी प्रदान की। कुल नौ प्रस्तावों पर राष्ट्रीय परिषद ने अपनी मुहर लगाई।
राष्ट्रीय परिषद ने जिस पहले प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाई, उसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में आरसीपी सिंह (RCP Singh) के महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया गया। उनके कार्यकाल की तारीफ की गई। केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे।
- - अब जदयू अध्यक्ष करेंगे पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का मनोनयन
- - पार्टी के संविधान में संशोधन के लिए राष्ट्रीय परिषद ने दी स्वीकृति
- - ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव पर भी लगी मुहर
अभियान चलाकर लोगों में जागरूकता पैदा करनी होगी
जातिगत जनगणना (Caste Census) से जुड़े प्रस्ताव में कहा गया कि जदयू इसकी हिमायती है। बिहार सहित महाराष्ट्र, ओडिशा व कई अन्य राज्यों की विधानसभा ने इसके समर्थन में प्रस्ताव पारित किया है। जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े प्रस्ताव में कहा गया कि जदयू का मानना है कि इसके लिए अभियान चलाकर लोगों में जागरूकता पैदा करनी होगी। समाज के लोग जब जनसंख्या वृद्धि की भयावहता को समझेंगे तो स्वयं इसे रोकने की कोशिश करेंगे। बालिका शिक्षा का विस्तार इसके लिए जरूरी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके माध्यम से बिहार में जनसंख्या वृद्धि की दर को कम करने में सफलता हासिल की है। बालिकाओं में शिक्षा का प्रचार-प्रसार जनसंख्या स्थिरीकरण का सबसे कारगर माध्यम है।