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Bihar Politics: तेजस्‍वी यादव ने लिया रघुवंश बाबू का नाम तो ललन सिंह बोले- उनका कोई ठिकाना नहीं

Bihar Politics जदयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ललन सिंह ने तेजस्‍वी यादव पर कसा तंज रघुवंश बाबू की प्रतिमा लगाने की मांग पर कही बड़ी बात मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञान देने की जरूरत नहीं संजय सिंह ने पूछा तल्‍ख सवाल

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 09:16 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 09:16 AM (IST)
Bihar Politics: तेजस्‍वी यादव ने लिया रघुवंश बाबू का नाम तो ललन सिंह बोले- उनका कोई ठिकाना नहीं
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रतिमा लगाने की मांग उठाकर राजद विधायक और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव, जदयू के निशाने पर आ गए हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और विधान पार्षद संजय सिंह ने इस मसले पर रघुवंश बाबू के अंतिम समय में राजद और लालू परिवार के सलूक को याद दिलाया है। ललन सिंह ने कहा कि जब पार्टी में थे तो रघुवंश बाबू को अपमानित किया और आज प्रतिमा लगाने की बात कह रहे हैं। ललन सिंह ने कहा कि रघुवंश बाबू के जीवन के अंतिम काल में किसने अपमानित किया? आज जब वह नहीं हैं तो उनकी आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग ड्रामा है।

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मुख्‍यमंत्री को ज्ञान नहीं दें तेजस्‍व यादव : ललन सिंह

ललन सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कहां से आते हैं, कब लैंड करते हैं और लैंड करने के बाद क्या बोलते हैं, इसका कौन ठिकाना है। यह सब ज्ञान नेता प्रतिपक्ष को मुख्यमंत्री को नहीं देना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो सभी विभूतियों की प्रतिमा पटना में लगवाई है। आपको बता दें कि तेजस्‍वी ने रघुवंश सिंह के साथ ही राम विलास पासवान की प्रतिमा लगाने की मांग की है।

रघुवंश बाबू को राजद में प्रताड़‍ित किया गया : संजय

जदयू विधान पार्षद व पार्टी के उपाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को उनके जीवन के आखिरी वर्षों में राजद में इतना अधिक प्रताड़‍ित किया गया कि उन्हें त्याग पत्र देने को मजबूर होना पड़ा था। तेजस्वी यादव ने उन्हें अपमानित किया और अब नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि वे रघुवंश बाबू के हितैषी व शुभचिंतक हैं।

पार्थिव शरीर राजद कार्यालय में नहीं ले जाने पर सवाल

संजय ने कहा कि रघुवंश बाबू की अहमियत को अगर तेजस्वी यादव समझते तो अंतिम समय में वह उन्हें इस तरह से प्रताड़‍ित नहीं करते। रघुवंश बाबू लालू परिवार से इतने दु:खी हो गए थे कि उन्होंने यह कह दिया था कि मरने के बाद उनका पार्थिव शरीर राजद कार्यालय नहीं ले जाया जाए। आज नेता प्रतिपक्ष घडिय़ाली आंसू बहा रहे। यह सिर्फ दिखावे के लिए है। लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि रघुवंश प्रसाद सिंह अगर कहीं चले जाते हैं तो पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।


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