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Bihar Politics: बिहार में लॉ एंड ऑर्डर के बिगड़े हालात पर सरकार और विपक्ष में घमासान

Bihar Politics कठघरे में बिहार की विधि-व्यवस्था। पटना में चोरी की घटना से आहत पुलिस कर्मी की बेटी ने आत्महत्या कर ली। एनएच किनारे के लोग गांवों में बढ़ रही चोरी की घटना से उग्र होकर सड़क जाम कर रहे। इसपर विपक्ष और सत्‍ता पक्ष में सिरफुटौव्‍वल है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 01:45 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 07:00 AM (IST)
Bihar Politics: बिहार में लॉ एंड ऑर्डर के बिगड़े हालात पर सरकार और विपक्ष में घमासान
बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष डॉ संजय जायसवाल और सीएम नीतीश कुमार की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics:  बिहार में विधि-व्यवस्था को लेकर विपक्ष के आरोपों के बाद अब सत्ता पक्ष में सिर फुटव्वल शुरू हो गया है। पुलिस की कार्यप्रणाली पर भाजपा के छोटे नेताओं, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने सवाल खड़ा कर दिया है।

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उधर, जनता के निशाने पर पहले से पुलिस की लचर रवैया है। जगह-जगह पुलिस के खिलाफ जनता सड़क पर उतर रही है। राजधानी पटना में चोरी की घटना से आहत पुलिस कर्मी की बेटी ने गुरुवार को आर ब्लॉक फ्लाइ ओवर की रोटरी से कूदकर जान दे दी। वैशाली में लोगों पुलिस की कार्यप्रणाली सवाल खड़ा करते हुए सड़क जाम कर दिया। इसी तरह की घटना गत दिनों मुजफ्फरपुर-दरभंगाा के बीच घटी थी। पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर थानेदारों को भूमिका कठघरे में है। एसएसपी-एसपी, डीएसपी और थानेदारों के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश है। पुलिस जन प्रतिनिधियों की बात नहीं सुन रही है।

संज्ञान में लाना एनडीए नेताओं की जबावदेही  : जदयू

मोतिहारी में विधि-व्यवस्था से जुड़े मसले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल द्वारा उठाए गए सवाल पर जदयू ने काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने कहा कि विधि-व्यवस्था से जुड़े मसले को सरकार के संज्ञान में लाना सभी एनडीए नेताओं की जवाबदेही है। किसी तरह की गड़बड़ी या अनदेखी संज्ञान में आते ही सरकार तत्काल कार्रवाई करती है। विधि-व्यवस्था नियंत्रण सरकार की प्राथमिकता में है। मोतिहारी की घटना सरकार के संज्ञान में है।

  जनप्रतिनिधि के नाते चिंता जायज : भाजपा

भापजा के प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने सकारात्मक रूप से एक प्रतिरोध दर्ज कराया है। घटना बेतिया संसदीय क्षेत्र की है। ऐसे में एक सांसद और जनप्रतिनिधि होने पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत करने की बात किसी तरह से अनुचित नहीं है। पुलिस की लचर कार्यप्रणाली की वजह से निश्चित रूप से बिहार में विधि व्यवस्था में कमी आई। पर, इतना साफ है कि पहले सत्ता के माध्यम से अपराध एवं अपराधी संरक्षित होते थे। आज अपराध और अपराधियों के खिलाफ सत्ता चितिंत ही नहीं कार्रवाई करने को तत्पर है।

भाजपा के दूसरे प्रदेश प्रवक्ता डॉ. रामसागर सिंह ने कहा है कि जन समस्याओं को लेकर नेताओं को जनता के साथ खड़ा होना ही होगा। अगर कहीं कोई कमियां है तो उसे दूर करना और सलाह देना लोकतंत्र को मजबूत करेगा। सरकार की अच्छी कार्यप्रणाली को आगे बढ़ाएगा। पुलिस सूचना तंत्र को मजबूत करना होगा। मजबूत सूचना तंत्र से ही इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। प्रदेश अध्यक्ष ने सही सवाल खड़ा है। प्रशासन के संज्ञान में किसी विषय को लाना विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों का कर्तव्य है। चंद दिनों पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं।

भाजपा बराबर की जिम्मेदार  : राजद

राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कानून व्यवस्था की जितनी समीक्षा कर रहे हैं, बिहार में व्यवस्था उतनी ही चौपट होती जा रही है। सरकार का इकबाल दिखती नहीं है। भाजपा के लोग सवाल उठा रहे हैं। इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है। संजय जायसवाल में थोड़ी सी भी नैतिकता है तो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटाकर योग्य व्यक्ति को बिहार का बागडोर सौंपे। जनता त्राहिमाम कर रही है। गरीब-गुरबा को कोई सुनने वाला नहीं है। आम से लेकर खास सब के सब त्रस्त हैं।

नैतिकता का तकाजा समझे नीतीश : कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि बिहार के लिए नीतीश कुमार हर मोर्चे पर फेल मुख्यमंत्री  हैं। जनता ने यह चुनाव परिणाम के जरिए नीतीश कुमार को बता दिया है। पुलिस और डीजीपी पर आरोप लगाकर भाजपा और डॉ. संजय जायसवाल भूमिका बना रहे हैं। भाजपा ने नीतीश कुमार असफल मुख्यमंत्री साबित करने की साजिश शुरू कर दी है। एक तीर से दो निशाना भाजपा साध रही है। नीतीश कुमार में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो वह स्वयं इस्तीफा देकर मिसाल कायम करें। अपनी साख बचाएं। कुर्सी से चिपकने और सुुशासन का राग अलापने के बजाए समय का तकाजा समझें।


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