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बिहारः शर्तों के साथ दो-दो करोड़ देने पर महागठबंधन ने दी सहमति, नीतीश सरकार पर किया हमला

कोरोना काल में राज्य सरकार के इंतजाम पर लगातार सवाल खड़े कर रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रविवार को संपूर्ण विपक्ष के साथ वर्चुअल बैठक की। इस दौरान कांग्रेस भाकपा माले भाकपा माकपा एवं ओवैसी की पार्टी के विधायक भी शामिल हुए।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 03:21 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 09:38 PM (IST)
बिहारः शर्तों के साथ दो-दो करोड़ देने पर महागठबंधन ने दी सहमति, नीतीश सरकार पर किया हमला
सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: महागठबंधन ने कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर से निपटने में सरकार के इंतजाम को नाकाफी बताकर आगे के लिए बेहतर तैयारी की मांग की है। विधायक निधि और वैक्सीन की रफ्तार की समीक्षा के लिए तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बुलाई गई बैठक में रविवार को महागठबंधन के दलों ने विधायक निधि के दो-दो करोड़ रुपये देने पर तो सहमति दी, लेकिन यह भी जोड़ा कि इसे विधायक एवं विधान पार्षदों के क्षेत्र में ही पारदर्शी तरीके से खर्च किया जाए। बिना कोविड जांच के मरने वाले लोगों के स्वजनों को भी चार-चार लाख रुपये के अनुग्रह अनुदान की मांग की गई। 

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राज्य सरकार की ओर से पहले ही विधायक निधि से दो-दो करोड़ रुपये कोरोना से निपटने में खर्च करने का फैसला लिया गया है। भाकपा माले के विधायकों ने अपनी पूरी निधि को पहले ही कोरोना से निपटने में खर्च की सहमति दे दी है। बैठक में सभी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि शुरू से ही जरूरी निर्णय नहीं लिए गए, जिसके चलते हालात खराब हुए। पहली लहर से सबक नहीं लिया गया। नौकरशाहों द्वारा दिखाई गई गुलाबी फाइलों को ही सच मान लिया गया। स्वास्थ्य सेक्टर में रिक्तियों को भरने के बजाय सरकार आंकड़ों के प्रबंधन में लगी रही। 

इन बिंदुओं पर सामूहिक सहमति 

-अभियान चलाकर हफ्ते भर में डॉक्टर, नर्स, पारा-मेडिक स्टाफ की नियुक्ति की जाए। 

-सरकार को विभिन्न जिलों में वेंटिलेटर चलाने वाले टेक्नीशियन की नियुक्ति करनी चाहिए। 

-डीएम/एसपी तत्काल विधायकों एवं सांसदों के फोन उठाएं। उनकी समस्याएं सुनें। संज्ञान लें। 

-तीसरी लहर से निपटने की बेहतर तैयारी करनी चाहिए, ताकि विस्फोटक स्थिति नहीं बने। 

-बिना कोविड जांच के मरने वाले लोगों के स्वजनों को भी चार लाख अनुग्रह राशि प्रदान किया जाए।

-विदेशों से वैक्सीन आयात की जाए। पक्षपात करने वाली केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

-टीकाकरण के लिए पंजीकरण और आधार कार्ड की जरूरत खत्म कर स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में टीके लगवाए जाएं। 

-मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास मद से ली गई दो-दो करोड़ की राशि का खर्च मनमर्जी से न किया जाए। 

-क्षेत्र विशेष की जरूरतों को पहचानने से लेकर आवंटन तक की प्रक्रिया में विधायकों से सलाह ली जाए। 

-आंकड़ों को छुपाने के बजाय जांच का दायरा बढ़ाया जाए। अब भी आरटीपीसीआर टेस्ट बहुत कम हो रहा है। 

-कोरोना प्रबंधन के लिए विशेषज्ञ समिति बने और उसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। 


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