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Bihar Politics: दिल्ली में आंदोलित किसानों के पक्ष में बिहार में प्रदर्शन

Bihar Politics विधानमंडल सत्र के आखिरी दिन सदन के अंदर और बाहर विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। राजद कांग्रेस और वाम दलों ने कृषि संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 03:44 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 03:44 PM (IST)
Bihar Politics: दिल्ली में आंदोलित किसानों के पक्ष में बिहार में प्रदर्शन
विधानमंडल परिसर में किसान आंदोलन के समर्थन में नारेबाजी करते सदस्‍य ।

पटना, राज्य ब्यूरो । Bihar Politics: दिल्ली के आसपास घेरा डाले किसानों को बिहार से भी समर्थन मिला है। विधानमंडल सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने सदन के अंदर-बाहर प्रदर्शन किया और कहा कि किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है। केंद्र सरकार को किसानों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए और कृषि संशोधन कानून को निरस्त करना चाहिए। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि केंद्र हो या राज्य, हमारी सरकार किसानों की पक्षधर रही है।

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कृषि संशोधन कानून को वापस लेने की मांग

राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद-विवाद के दौरान विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा किया। हालांकि अध्यक्ष विजय सिन्हा के आग्रह पर वे शांत हो गए। तब विधानसभा की कार्यवाही शुरू ही हुई थी। कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन के बाहर विपक्षी दलों के सदस्यों ने हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। राजद, कांग्रेस और वामदलों के विधायक इस मामले में एकजुट दिखे। केंद्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए और कृषि संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की।

धान खरीद में  धांधली का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के साथ है। कृषि संशोधन कानूनों के खिलाफ राज्य सरकार को विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र के पास भेजना चाहिए। राजद ने धान खरीद में भी धांधली का आरोप लगाया और न्यूनतम सरकारी समर्थन मूल्य पर धान बिक्री की व्यवस्था के साथ किसानों को अतिरिक्त बोनस देने की मांग की। राजद विधायक भाई वीरेंद्र का कहना था कि सरकारी समर्थन मूल्य पर बिहार में धान की खरीदारी केवल कागजों में हो रही है। किसान परेशान हैं। बिचौलिए मस्त हैं। खरीद एजेंसियों को भारी मुनाफा हो रहा है। राजद ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी केंद्र के कृषि संशोधन कानूनों का विरोध किया था और अपने घोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था।


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