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मंत्री रामसूरत राय पर सवाल उठाने वालों को सीएम नीतीश ने दिया जवाब- जिम्‍मेदार पर होगी कार्रवाई

मंत्री रामसूरत राय के भाई के स्‍कूल में शराब की खेप मिलने के मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने पहली बार जवाब दिया है । उन्‍होंने मीडिया से कहा कि मंत्री ने कभी नहीं कहा कि जिम्मेदारों पर एक्शन न हो उनके परिवार में पहले ही बंटवारा हो चुका है

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 09:47 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 01:00 PM (IST)
मंत्री रामसूरत राय पर सवाल उठाने वालों को सीएम  नीतीश  ने दिया जवाब- जिम्‍मेदार पर होगी कार्रवाई
सीएम नीतीश कुमार मीडिया से बात करते हुए । जागरण आर्काइव।

पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधान परिषद परिसर में पत्रकारों द्वारा शराबबंदी कानून को लेकर मंत्री रामसूरत राय पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा किए जा रहे हमले के सवाल पर करारा जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामसूरत राय ने मंगलवार को ही सारी बातें स्पष्ट कर दी हैैं। उनके परिवार का बंटवारा पहले ही हो चुका है। उन्होंने कभी नहीं कहा कि जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई न हो। अनावश्यक रूप से उनपर जो आरोप लगाए गए हैं उसका जवाब उन्होंने दे दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के धंधे में शामिल लोगों एवं शराब सेवन करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। शराबबंदी पूरी मुस्तैदी से लागू रहेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में शराबबंदी का निर्णय विधानमंडल में सर्वसम्मति से लिया गया था। सदन में ही पक्ष-विपक्ष के सारे सदस्यों ने खड़े होकर संकल्प लिया था। कानून में संशोधन के कुछ प्रस्ताव लाए गए, जिसपर सबकी सहमति थी।

फोन करके जानकारी दें, नाम गोपनीय रखा जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के कारोबार और इसके सेवन के बारे में किसी को भी जानकारी मिलती है तो बिजली के खंभे पर अंकित फोन नंबर पर सूचना दें। नाम गोपनीय रखा जाएगा। समाज में कुछ ऐसे लोग होते हैैं जो गलत रास्ते पर चलते हैं। कानून बने हैैं फिर भी अपराध को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी पड़ती है।

सदन की मर्यादा और अध्यक्ष का सम्मान ध्यान रखना चाहिए

विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा पर मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा अपमानजनक व्यवहार किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के साथ बैठक में व्यस्त थे। यहां आने के बाद जानकारी मिली है। कल हम सब इस पर विमर्श करेंगे। सबको ध्यान रखना चाहिए कि सदन की कार्यवाही में किसी भी तरह का व्यवधान न हो। अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग करें, चाहे पक्ष हो या विपक्ष। जिनसे भूल हुई है उन्होंने क्षमा भी मांग ली है। सदन की मर्यादा और अध्यक्ष का सम्मान का ख्याल सभी को रखना चाहिए। विधान परिषद के लिए मनोनीत सदस्यों के बारे में कहा कि 24 मार्च तक सदन चलने के दौरान उनलोगों को भी अपनी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा।


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