Ram Vilas Paswan की श्रद्धांजलि सभा में पशुपति पारस से दिखी CM नीतीश की नजदीकी, अब BJP पर नजर
Bihar Politics मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोजपा के कार्यालय में पहुंच कर अच्छा-खासा वक्त गुजारा और राम विलास पासवान के साथ अपनी पुरानी दोस्ती के बारे में बातें कीं। उन्होंने पशुपति पारस की ओर से किए गए आयोजन की तारीफ की।
पटना, आनलाइन डेस्क। Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रहे राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पुण्यतिथि पर एक महीने के अंदर पटना में दूसरे बड़े आयोजन ने बिहार की राजनीति की तस्वीर की काफी हद तक साफ कर दी। केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की ओर से राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी (हाल में चुनाव आयोग ने पुरानी लोजपा के दो गुटों को अलग-अलग नाम और सिंबल अलाट किया है। चिराग गुग् लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जबकि पारस गुट को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी नाम इस्तेमाल करने की अनुमति मिली है।) के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जदयू के नेताओं ने खूब भागीदारी दिखाई। और तो और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आयोजन में पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने पुरानी दोस्ती की कही बात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रालोजपा के कार्यालय में पहुंच कर अच्छा-खासा वक्त गुजारा और राम विलास पासवान के साथ अपनी पुरानी दोस्ती के बारे में बातें कीं। उन्होंने पशुपति पारस की ओर से किए गए आयोजन की तारीफ की और कहा कि इससे लोगों को रामविलास जी को याद करने और उनको जानने का मौका मिलेगा। इस आयोजन में राज्यपाल फागु चौहान भी पहुंचे थे।
चिराग के बुलावे पर नहीं गए थे मुख्यमंत्री
आपको बता दें कि चिराग पासवान ने भी कुछ ही दिनों पहले अपने पिता की पुण्यतिथि मनाई थी। चिराग पासवान ने भी मुख्यमंत्री को अपने कार्यक्रम में निमंत्रित किया था। उन्होंने इसके लिए सीएम से मिलने की भी कोशिश की थी। हालांकि चिराग के कार्यक्रम में सीएम तो दूर जदयू का कोई अदना नेता भी झांकने तक नहीं गया। चिराग के कार्यक्रम में भाजपा के अलावा राजद और कांग्रेस के नेताओं की भागीदारी दिखी थी। खुद पशुपति पारस भी इस आयोजन में पहुंचे थे।
दोनों आयोजनों में एक फर्क साफ दिखा
चिराग के आयोजन में राजद और कांग्रेस की सक्रियता अधिक दिखी थी, वहीं पारस के आयोजन में इन दलों के नेता नदारद नजर आए। जदयू के नेता चिराग से दूरी बनाए रखे तो पारस के आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। भाजपा अभी दोनों से संबंध बनाए रखना चाहती है, लेकिन चिराग के आयोजन में भाजपा की सक्रियता अधिक दिखी थी।