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नए मुद्दे पर भाजपा-जदयू में ठनी, बीजेपी को बिहार के मंत्री का जवाब, आरोप साबित करें; राजनीति छोड़ दूंगा

भाजपा कोटे के दो मंत्रियों नीरज बब्लू एवं जिवेश मिश्रा ने मदरसों की शिक्षण शैली पर सवाल खड़ा कर अपनी ही सरकार को घेरने का प्रयास किया है जो जदयू को नागवार गुजरा है। उपेंद्र कुशवाहा और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान ने मदरसों का बचाव किया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 09:43 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 09:43 PM (IST)
नए मुद्दे पर भाजपा-जदयू में ठनी, बीजेपी को बिहार के मंत्री का जवाब, आरोप साबित करें; राजनीति छोड़ दूंगा
जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिह्न।

राज्य ब्यूरो, पटना: जातीय जनगणना, विशेष राज्य का दर्जा और शराबबंदी के बाद अब मदरसों के मसले पर भी सत्तारूढ़ भाजपा-जदयू में ठन गई है। राज्य सरकार में भाजपा कोटे के दो मंत्रियों नीरज बब्लू एवं जिवेश मिश्रा ने मदरसों की शिक्षण शैली पर सवाल खड़ा कर अपनी ही सरकार को घेरने का प्रयास किया है, जो जदयू को नागवार गुजरा है। जदयू की तरफ से संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान ने मदरसों का बचाव किया है। कुशवाहा ने मंत्रियों को आजादी की लड़ाई में मदरसों के योगदान की याद दिलाई। 

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राज्य सरकार के मंत्री नीरज बब्लू एवं जिवेश मिश्रा ने मदरसों की शिक्षण प्रणाली को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वहां देश विरोधी बातें बताई जाती हैं। हिंदुत्व के विरोध में बच्चों को भड़काया जाता है। उनके मन में जहर घोला जाता है। अगर इसे रोका नहीं गया तो मामला गंभीर हो सकता है। वन पर्यावरण मंत्री नीरज बब्लू ने कहा कि मदरसों को संचालित करने के लिए सरकार पैसे देती है, लेकिन उन्हीं पैसों से जहर घोला जाता है। देश विरोधी काम के लिए उकसाया जाता है। इससे न केवल बिहार का माहौल गंदा होगा, बल्कि देश की एकता भी खतरे में पड़ सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि सारे मदरसे ऐसे नहीं हैं मगर मैंने महसूस किया है कि कई हैं, जिनकी शिक्षण शैली को बदलने की जरूरत है। सरकार जब पैसे देती है तो मदरसों में भी स्कूलों की तरह ही पाठ्यक्रम होना चाहिए, ताकि ब'चे नफरत के पाठ से दूर रह सकें।

सबके लिए खोला जाए मदरसों का दरवाजा

श्रम संसाधन मंत्री जिवेश मिश्रा ने कहा कि वह मदरसों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह तो देखा ही जाना चाहिए कि वहां किस तरह की पढ़ाई की जाती है। जिवेश ने सवाल उठाया कि आखिर क्या वजह है कि कहीं भी कोई आतंकी घटना होती है या देश विरोधी गतिविधियों की खबर आती है तो उसमें मदरसों का कनेक्शन जरूर निकल जाता है। मंत्री ने कहा कि मदरसों का दरवाजा सबके लिए खोल देना चाहिए। राज्य सरकार जब पैसे देती है तो मदरसों में दूसरे धर्म के ब'चों को भी पढ़ाया जाना चाहिए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

साबित करें तो राजनीति छोड़ दूंगा : जमां खान 

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान ने कहा कि मदरसा पर टिप्पणी कर सुर्खियां बटोरने वालों को सही बात समझनी चाहिए। उन्हें सही जानकारी नहीं है। मदरसे में समाज सुधारने की बात होती है। बताया जाता है कि हमें भाईचारे के साथ कैसे रहना है। हुकूमत का सम्मान करना है। किसी धर्म के खिलाफ नहीं पढ़ाया जाता। उन्होंने कहा कि जानकारी नहीं होने पर मदरसे के विरुद्ध बोलना तो जाहलियत ही कहा जाएगा। ऐसे लोगों को चुनौती देते हैं कि वे साबित कर दें तो वह राजनीति छोड़ देंगे। इसके पहले उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि मदरसों के बारे में ऐसी बातें करना आपत्तिजनक है। आजादी की लड़ाई में मदरसों का बड़ा योगदान रहा है। हालांकि कुशवाहा ने यह भी कहा था कि संभव है मंत्रियों को एकाध मदरसे के बारे में ऐसी सूचना मिली होगी। अगर कोई एक मदरसा गलत कर रहा है तो उस पर कार्रवाई होगी। 


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