Bihar News: राज्यसभा चुनाव से पहले मौजूदा सांसद और दावेदारों की धड़कनें तेज, जानें भाजपा-जदयू और राजद का प्लान
Bihar politics बिहार में राज्यसभा चुनाव से पहले मौजूदा सांसदों और नए दावेदारों की धड़कन तेज हो गई है। जुलाई में राज्य के जिन पांच राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें भाजपा व जदयू के दो-दो और राजद के एक सदस्य हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना : राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन की तिथि नजदीक आने के बावजूद किसी दल की ओर से उम्मीदवारों का नाम तय नहीं होने के कारण मौजूदा सांसदों और नए दावेदारों की धड़कन तेज हो गई है। नामांकन 24 मई से शुरू होगा। दो दलों (राजद और जदयू) ने उम्मीदवारों के चयन के लिए शीर्ष नेतृत्व को अधिकृत कर दिया है, जबकि भाजपा की कोर कमेटी सोमवार को बैठेगी। उसी में उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया जाएगा। उस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के भी शामिल होने की संभावना है।
जुलाई में राज्य के जिन पांच राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें भाजपा व जदयू के दो-दो और राजद के एक सदस्य हैं। जदयू के शरद यादव का कार्यकाल 2017 से ही अदालत में उलझ गया था। राजद के राम जेठमलानी का निधन 2019 में हो गया। उनकी जगह भाजपा के सतीश चंद्र दुबे राज्यसभा में गए। इस तरह भाजपा के दो सदस्य (गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दुबे) अपने दूसरे कार्यकाल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संयोग से दोनों सवर्ण हैं और भाजपा की दुविधा भी यही है कि इनमें से किसी एक को कैसे न कहा जाए। दोनों में से किसका पत्ता कटेगा, इसको लेकर संशय बना हुआ है।
राजद से मीसा का नाम भी पक्का नहीं
राजद में भी असमंजस है। राज्यसभा सदस्य डा. मीसा भारती राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की पुत्री हैं। परिवार की परंपरा को देखते हुए माना जा रहा है कि उन्हें निराश नहीं किया जा सकता है, लेकिन साथ में यह भी खबर आ रही है कि तेजस्वी यादव उनकी जगह किसी और को उपकृत करना चाहते हैं। राजद संसदीय बोर्ड ने दोनों उम्मीदवारों के चयन के लिए लालू प्रसाद को अधिकृत कर दिया है। संभावना यह है कि राजद दो में से एक सीट पर किसी अल्पसंख्यक को भेजे।
जदयू से आरसीपी पर भी संशय बरकरार
2016 में जदयू के दो सदस्य राज्यसभा गए थे। इस बार जदयू से किसी एक को ही भेजा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद (आरसीपी) सिंह को तीसरा कार्यकाल मिलेगा या नहीं, तय नहीं हो पा रहा है। सबसे अधिक चर्चा जदयू की उम्मीदवारी को लेकर ही हो रही है। जदयू के विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उम्मीदवार चयन के लिए अधिकृत किया गया है।