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बिहार पुलिस मुख्‍यालय का बड़ा फैसला, अब 50 साल की उम्र पार कर चुके कर्मियों के कामकाज की होगी समीक्षा

बिहार पुलिस मुख्‍यालय ने 50 साल के पार के पुलिसकर्मियाें के कामकाज की समीक्षा करने का फैसला किया है। इसका आदेश जारी होते ही पुलिस मेंस एसोसिएशन विरोध पर उतर आया है।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 11:49 AM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 04:09 PM (IST)
बिहार पुलिस मुख्‍यालय का बड़ा फैसला, अब 50 साल की उम्र पार कर चुके कर्मियों के कामकाज की होगी समीक्षा
बिहार पुलिस मुख्‍यालय का बड़ा फैसला, अब 50 साल की उम्र पार कर चुके कर्मियों के कामकाज की होगी समीक्षा

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। बिहार में विधानसभा की चुनावी सरगर्मी के बीच पुलिस विभाग (Bihar Police Headquarters) ने बड़ा फैसला लिया है। विभाग की तरफ से आदेश जारी कर कहा गया है कि 50 साल से ज्‍यादा उम्र के पुलिसकर्मियों के काम की समीक्षा होगी। सिपाही से लेकर डीएसपी तक 50 की उम्र पूरी करनेवाले पुलिसकर्मियों के कामकाज की समीक्षा मुख्‍यालय स्‍तर पर होगी। कहा गया है कि यदि वे अपने काम में दक्ष नहीं पाए जाते हैं तो उनके सेवा पर विचार किया जाएगा। ऐसे कर्मियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की भी पहल की जाएगी।

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विभाग की ओर से सभी जिलों के एसपी और रेल एसपी को पत्र जारी कर ऐसे कर्मियों की सूची भेजने को कहा गया है। समीक्षा हर महीने की 9 तारीख को की जाएगी। उधर, आदेश के आते ही बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने विभाग के इस फैसले के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। एसोसिएशन की ओर से साजिश के तहत 50 से ज्‍यादा उम्र के कर्मियों के शोषण का आरोप लगाया गया है। कहा गया कि विभाग तुरंत फैसला वापस ले वर्ना आंदोलन किया जाएगा। बता दें कि बिहार में कुल पुलिसकर्मियों की  संख्‍या करीब सवा लाख है।

एसोसिएशन ने दी तीखी प्रति‍क्रिया

बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने विभाग के इस फैसले के प्रति तीखी प्रतिक्रिया दी है। एसोसिएशन ने कर्मियों के शोषण का आरोप लगाया है। कहा गया है कि विभाग तुरंत इस फैसले को वापस ले अन्‍यथा पूरे राज्‍य में फैसले के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। एसोसिएशन के अध्‍यक्ष मृत्‍युंजय मिश्रा ने कहा है कि 50 से पार कर्मियों के कामकाज की समीक्षा के बहाने उनका शोषण किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि 50 की उम्र तक हर इंसान पर अपने परिवार के भरण -पोषण बच्‍चों की पढ़ाई-लिखाई और शादी वगैरह की महती जिम्‍मेदारी होती है। ऐसे में उन्‍हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना उचित नहीं है।


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