बिहारः लड़कियों को छेड़खानी से बचाने के लिए हाईकोर्ट में दायर की याचिका, ऐसे होगी रोकथाम
बिहार में लड़कियों को छेड़खानी से बचाने के लिए ठोस सरकारी नीति बनाए जाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक लोकहित याचिका दायर की गई है। अपनी याचिका में एडवोकेट ओम प्रकाश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया है।
राज्य ब्यूरो, पटना: प्रदेश की लड़कियों को छेड़खानी (ईव टीजिंग) से बचाने के लिए ठोस सरकारी नीति बनाए जाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक लोकहित याचिका दायर की गई है। एडवोकेट ओम प्रकाश कुमार ने शुक्रवार को यह पीआइएल खुद से दायर की है। अपनी याचिका में ओम प्रकाश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया है।
राज्य सरकार लागू नहीं कर पाई आदेश
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि 2013 में ही सुप्रीम कोर्ट ने डीआइजी बनाम एस समुथिराम के मामले में महिलाओं को छेड़खानी (ईव टीजिंग) से बचाने हेतु अपने आदेश में कई दिशा निर्देश जारी किए थे, जिसे आज तक राज्य सरकार लागू नहीं कर पाई है। सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का अनुपालन सभी राज्य सरकार को करना करना था। उक्त दिशा निर्देश में तमाम सार्वजनिक स्थान, शिक्षा संस्थान, गर्ल्स हॉस्टल, बाजार, सिनेमा हॉल, बस स्टैंड, एवं उन तमाम जगहों पर महिला पुलिस के दस्ते की तैनाती जरूरी है, जहां भारी तादाद में महिलाएं काम करती हैं। ऐसे में महिला दस्ता की छेड़खानी (ईव टीजिंग) की रोकथाम के लिए तैनाती जरूरी है।
37 जिले के एसएसपी-एसपी को बनाया उत्तरदायी
यही नहीं जिलावार महिला फ्रेंडली फास्ट ट्रैक अदालत का भी गठन हुआ है, जहां छेड़खानी करने वाले आरोपियों के खिलाफ तेज गति से ट्रायल होगा। ईव टीजिंग में महिलाओं के खिलाफ अश्लील हरकत, छेड़खानी, यौन उत्पीड़न जैसे अपराध शामिल हैं। इस पीआइएल में राज्य के गृह सचिव व डीजीपी सहित 37 जिले के एसएसपी-एसपी को उत्तरदायी बनाया गया है। बता दें कि बिहार में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हाल के दिनों में राज्य के हर शहर से इस तरह के मामले सामने आए हैं। राजधानी पटना के थानों में दर्ज केस तो इसी बात की तस्दीक रहा रहे हैं। पटना में रात में ही नहीं दिन में भी लड़कियों के साथ छेड़खानी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।