Move to Jagran APP

पंचायत राज संस्थाओं के अनुदान पर लगेगी रोक, जरूरी रिकार्ड नहीं कराया जा रहा उपलब्ध

पंचायती राज संस्थाओं को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर देय अनुदान की राशि नहीं मिलेगी। आनलाइन आडिट नहीं कराने वाली पंचायतों के लिए ये आदेश है। पंचायती राज विभाग ने जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को कहा है कि वे शत प्रतिशत आनलाइन आडिट की गारंटी करें।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 07:02 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 07:02 PM (IST)
पंचायत राज संस्थाओं के अनुदान पर लगेगी रोक, जरूरी रिकार्ड नहीं कराया जा रहा उपलब्ध
आनलाइन आडिट नहीं कराने वाली पंचायती राज संस्थाओं की राशि रोकी जाएगी। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: आनलाइन आडिट नहीं कराने वाली पंचायती राज संस्थाओं को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर देय अनुदान की राशि नहीं मिलेगी। हरेक खर्च का आनलाइन आडिट बाध्यकारी है। पंचायती राज विभाग ने जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को कहा है कि वे शत प्रतिशत आनलाइन आडिट की गारंटी करें। यह निर्देश वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए है। इस समय राज्य के 22 जिलों में आनलाइन आडिट चल रहा है। इनमें एक हजार 79 ग्राम पंचायत और 67 पंचायत समितियां शामिल हैं। आडिटरों की शिकायत है कि संबंधित संस्थाओं की ओर से उन्हें जरूरी रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। हालांकि पहले भी इसके लिए जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को कहा गया है। फिर भी समय पर रिकार्ड नहीं दिए जा रहे हैं। 

loksabha election banner

कई जिलों में वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 का भी आडिट नहीं हुआ है। ऐसे जिलों को कहा गया है कि पिछले दो वित्तीय वर्षों के साथ वित्तीय वर्ष 2021-22 का भी आडिट करा लें। इन जिलों में पटना और अरवल भी शामिल हैं। पंचायती राज निदेशक ने आडिट में पिछड़े जिलों को कहा है कि इस काम को मिशन मोड में पूरा करें। 

उपयोगिता प्रमाण पत्र भी लंबित

पिछले दिनों हुई विभागीय समीक्षा में पाया गया कि कई जिले उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने में भी पिछड़ रहे हैं। बांका के बारे में बताया गया कि इस जिले से बीते दो वर्ष में किसी काम में खर्च राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया है, जबकि यह प्राथमिकता सूची का विषय है। नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास एवं शेखपुरा जिले में पंचायती राज संस्थाओं की ओर से खर्च राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र बड़ी संख्या में लंबित है। इन जिलों को कहा गया है कि इस महीने के अंत तक उपयोगिता प्रमाण पत्र सीधे महालेखाकार कार्यालय में जमा कराएं। प्राप्ति की प्रति पंचायती राज विभाग को सौंपे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.