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बिहार पंचायत चुनाव में फिर फंसा पेंच, चुनाव कराने के खिलाफ खड़े हो गए निर्वाची अधिकारी

दोनों निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम विवाद सुलझने के बाद उम्‍मीद की जा रही थी जल्‍द ही बिहार पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। मगर अब फिर पंचायत चुनाव की तिथि टलती नजर आ रही है। इसमें एक नया पेंच फंस गया है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 05:29 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 06:09 PM (IST)
बिहार पंचायत चुनाव में फिर फंसा पेंच, चुनाव कराने के खिलाफ खड़े हो गए निर्वाची अधिकारी
बिहार पंचायत चुनाव में फंसा नया पेंच, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय और राज्य चुनाव आयोग के बीच दो महीने से चले आ रहे ईवीएम विवाद पर सहमति के बावजूद समय पर पंचायत चुनाव की संभावना दिन-ब-दिन क्षीण हो रही है। ग्रामीण एवं राजस्व सेवा के अधिकारियों ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते फिलहाल पंचायत चुनाव कराना उचित नहीं होगा। इनके संघ की ओर से मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा गया है कि स्थिति सामान्य होने के बाद ही पंचायत चुनाव कराने पर विचार किया जाना चाहिए। बिहार ग्रामीण विकास सेवा संघ के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को दैनिक जागरण से कहा-सरकार अगर हमारी मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं करती है तो कार्यकारिणी की बैठक में कुछ ठोस निर्णय लिया जाएगा।

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क्यों महत्वपूर्ण है इनकी मांग

पंचायत चुनावों के निर्वाची अधिकारी की जिम्मेवारी प्रखंड विकास पदाधिकारी-ग्रामीण विकास पदाधिकारी की होती है। अंचलाधिकारी और प्रखंड में तैनात अन्य संवर्ग के पदाधिकारी की भूमिका सहायक निर्वाची पदाधिकारी की होती है। ग्रामीण विकास सेवा और राजस्व सेवा राज्य सरकार का नया कैडर है। बिहार लोक सेवा आयोग के जरिए इन्हीं सेवाओं के अधिकारी ग्रामीण विकास पदाधिकारी और राजस्व अधिकारी होते हैं।

पत्र में क्या लिखा है

ग्रामीण विकास सेवा संघ ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में पंचायत चुनाव न कराने के पक्ष में तर्क दिया है। कहा है कि इस समय प्रखंड विकास पदाधिकारी के अलावा प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी कोरोना आपदा प्रबंधन में 24 घंटे कार्यरत हैं। काम के दौरान ये कोरोना संक्रमित भी हो रहे हैं। ऐसे में अगर चुनाव होता है तो संक्रमण की रफ्तार और बढ़ जाएगी।

दूरी संभव नहीं है

पत्र में कहा गया है कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया में कोरोना से बचाव के लिए अनिवार्य शारीरिक दूरी का पालन करना संभव नहीं है। उम्मीदवार भीड़ के साथ नामांकन करने आते हैं। उन्हें वोट के लिए जनसंपर्क करना होता है। मतदान और मतगणना में भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा सकता है। राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने कोरोना संक्रमण के चलते सहकारी समितियों का निर्वाचन अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। इसे पंचायत चुनाव में भी लागू किया जाना चाहिए।

दूसरे संघों का भी समर्थन

बिहार ग्रामीण विकास सेवा संघ की चुनाव स्थगन संबंधी मांग का बिहार रेवेन्यू सविर्सेज एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक दीप और बिहार अभियंत्रण सेवा संघ के महासचिव डा. सुनील चौधरी ने भी समर्थन किया है। इन दोनों संघों की ओर से मुख्य सचिव को अलग-अलग पत्र दिया गया है। इनके पत्रों में भी कोरोना संकट के बाद ही पंचायत चुनाव कराने की मांग की गई है।

संक्रमित हो रहे पदाधिकारी

संघ के मुताबिक दुल्हिन बाजार, दानापुर, पढेरी बलसर, वैशाली, गरखा, नूरसराय, बाराचट्टी, मदनपुर, आरा सदर एवं दलसिंगसराय के प्रखंड विकास पदाधिकारी और दानापुर, मशरक, छपरा सदर,बाराचट्टी, टनकुप्पा, गौरौल, खडग़पुर, जमालपुर, मदनपुर एवं रोह के अंचलाधिकारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। संघ के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि अभी चुनाव होने की हालत में स्थिति और बिगड़ सकती है।


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