बिहार पंचायत चुनाव 2021: मुखिया से ज्यादा सरपंच की शक्तियां बढ़ने से उम्मीदवारों की बढ़ सकती है संख्या
सरपंच की शक्तियां बढ़ने के साथ इसबार सभी पंचायतों में सरपंच प्रत्याशियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। क्योंकि जो पहले मुखिया एवं बीडीसी अन्य के संभावित उम्मीदवार बन कर क्षेत्र में घूम रहे थे आज वे सरपंच पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने लगे हैं।
संसू, दारौंदा (सिवान): त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 में सरपंच की शक्तियां बढ़ने के साथ इसबार सभी पंचायतों में सरपंच प्रत्याशियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। क्योंकि जो पहले मुखिया एवं बीडीसी अन्य के संभावित उम्मीदवार बन कर क्षेत्र में घूम रहे थे आज वे सरपंच पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने लगे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा पंचायती राज व्यवस्था के तहत कुछ अधिकार दिए जाने के बाद सरपंच पद की शक्ति अधिक होने पर प्रत्याशियों का रुझान अचानक सरपंच पद के लिए बढ़ गया है। इस बार पंच एवं सरपंच का चुनाव बैलेट पेपर से किया जाएगा। जबकि वार्ड, मुखिया, पंचायत समिति एवं जिला परिषद पद का चुनाव ईवीएम से किया जाएगा। प्रखंड में मुखिया के लिए 17, सरपंच के लिए 17, पंचायत समिति सदस्य के लिए 23, जिला परिषद सदस्य के तीन, वार्ड सदस्य के लिए 233 तथा पंच पद के लिए 233 पद हैं। यहां चुनाव 10वें चरण में आठ दिसंबर को होगा। दारौंदा प्रखंड के 238 मतदान केंद्र पर 132446 मतदाता मतदान करेंगे। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 69908 एवं महिला मतदाताओं की संख्या 62535 है।
सरपंच की बढ़ी शक्ति
सरपंच को पंचायती राज व्यवस्था के तहत तीन बड़े अधिकार दिए गए हैं। सरपंच को ग्रामसभा तथा ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने और अध्यक्षता करने का अधिकार मिला हुआ है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी सरपंच के पास होती हैं। वहीं ग्राम पंचायत के अधीन कर्मचारियों के कार्यों पर भी प्रशासकीय देखरेख और नियंत्रण रखने की शक्ति सरपंच के पास है।
सरपंच की जिम्मेदारी
अगर ताकत मिलती है तो उसके साथ जिम्मेदारी भी दी जाती है। जाहिर है कि सरपंच को शक्तियों के साथ जिम्मेदारी भी मिली है। इन जिम्मेदारियों में गांव में सड़कों का रखरखाव, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, सिंचाई के साधन की व्यवस्था, दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रखरखाव करना, प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना, खेल का मैदान और खेल को बढ़ावा देना, स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना, गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था आदि शामिल हैं।