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बिहार पंचायत चुनाव 2021: मुखिया का चुनाव लड़ने वालों के लिए अच्छी खबर, नई गाइडलाइन से बड़ा फायदा

Bihar Panchayat Election 2021 त्रिस्तरीय चुनाव में खड़े होने वाले भावी उम्मीदवारों के लिए निर्वाचन क्षेत्र सीमा कहां तक रहेगी निर्वाचन आयोग ने इससे जुड़ी गाइडलाइन जारी कर दी है। जिससे जिला निर्वाची पदाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 09:18 PM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 09:18 PM (IST)
बिहार पंचायत चुनाव 2021: मुखिया का चुनाव लड़ने वालों के लिए अच्छी खबर, नई गाइडलाइन से बड़ा फायदा
भावी उम्मीदवारों के लिए निर्वाचन क्षेत्र की सीमा से जुड़ी गाइडलाइन निर्वाचन आयोग ने जारी कर दी है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। त्रिस्तरीय चुनाव में खड़े होने वाले भावी उम्मीदवारों के लिए निर्वाचन क्षेत्र सीमा कहां तक रहेगी, निर्वाचन आयोग ने इससे जुड़ी गाइडलाइन जारी कर दी है। जिससे जिला निर्वाची पदाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। आयोग की गाइडलाइन में हर पद के प्रत्याशी के लिए एक सीमा निर्धारित की गई है, जिसका पालन करते हुए ही वे चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। 

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राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार मुखिया पद के उम्मीदवार अपने प्रखंड की किसी भी पंचायत से चुनाव लड़ने को स्वतंत्र होंगे, लेकिन इसके लिए पहली शर्त यह होगी कि ऐसे मुखिया प्रत्याशी का नाम उस निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में होना चाहिए। मुखिया के साथ ही सरपंच या पंचायत समिति सदस्य उम्मीदवार के लिए यही नियम रहेंगे। अगर मतदाता सूची में संबंधित प्रत्याशी का नाम नहीं है तो वे नामांकन नहीं कर सकेंगे। इन तीन पदों के साथ ही आयोग ने अन्य पदों के लिए भी चुनाव लडऩे का सीमा क्षेत्र निर्धारित कर दिया है। 

मतदाता सूची में नाम होना जरूरी

किसी भी पद के प्रत्याशी के लिए चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने की पहली शर्त होगी कि संबंधित निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम हो। मतदाता सूची में नाम होने पर ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम कचहरी के पंच अपने किसी भी वार्ड से प्रत्याशी बन सकते हैं। इन पदों के अलावा जिला परिषद प्रत्याशी अपने जिले के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार हो सकता है। शर्त वही होगी कि जहां से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां की मतदाता सूची में उनका नाम हो। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि पंचायत समिति सदस्य, मुखिया या फिर सरपंच बिना मतदाता सूची में नाम रहे उम्मीदवार बन जाते हैं और चुनाव जीतते हैं तो उनका निर्वाचन सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसएलपी (सुरेंद्र कुमार बनाम बिहार सरकार एवं अन्य) में पारित आदेश के अनुसार ही मान्य माना जाएगा। 


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