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बिहार पंचायत चुनाव-2021: अंतिम सूची प्रकाशित, जिले में उपलब्ध नहीं वोटरों का डाटा

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अंतिम सूची प्रकाशन के सात दिन बाद भी वोटरों का डाटा तक उपलब्ध नहीं है। पटना जिले के पास न तो मतदाताओं की कुल संख्या का आंकड़ा है न ही कितने पुरुष व कितनी महिला व थर्ड जेंडर वोटर हैं इसकी जानकारी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 08:45 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:45 PM (IST)
बिहार पंचायत चुनाव-2021: अंतिम सूची प्रकाशित, जिले में उपलब्ध नहीं वोटरों का डाटा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद भी वोटरों का डाटा उपलब्ध नहीं है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के स्तर से मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 19 फरवरी को ही कर दिया गया। जिलास्तर पर हो रहीं तैयारियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अंतिम सूची प्रकाशन के सात दिन बाद भी वोटरों का डाटा तक उपलब्ध नहीं है। पटना जिले के पास न तो मतदाताओं की कुल संख्या का आंकड़ा है, न ही कितने पुरुष व कितनी महिला व थर्ड जेंडर वोटर हैं, इसकी जानकारी। 

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पंचायत चुनाव के लिए 19 फरवरी को जारी अंतिम सूची में राज्यभर में मतदाताओं की संख्या छह करोड़ 44 लाख 54 हजार 749 है। पंचायत चुनाव-2016 में मतदाताओं की संख्या पांच करोड़ 80 लाख 39 हजार 781 थी। राज्यभर में पांच वर्षों में 64 लाख 14 हजार 968 मतदाता बढ़े हैं। प्रकाशित हुए ड्रॉफ्ट के अनुसार पटना जिले में 24 लाख 30 हजार 974 मतदाता थे। इनमें से 12 लाख 71 हजार 374 पुरुष और 11 लाख 59 हजार 573 महिला मतदाता हैं। 27 थर्ड जेंडर भी ड्रॉफ्ट की सूची में थे। ड्रॉफ्ट के आधार पर आठ फरवरी तक दावा व आपत्ति दर्ज की जानी थी। दावा-आपत्ति का निराकरण कर 19 फरवरी को फाइनल सूची प्रकाशित की जानी थी। अंतिम सूची प्रकाशित तो कर दी गई, पर सात दिन बीतने के बाद भी जिलावार व लिंगवार डाटा न तो जिले के पास उपलब्ध है, न ही राज्य आयोग के पास। आयोग द्वारा जानकारी सिर्फ इतनी दी गई कि पटना जिले में नए नाम शामिल करने को कुल 24 हजार 811 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने बताया, जिलों से विस्तृत जानकारी मंगाई जा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी सुषमा कुमारी ने कहा कि मतदाता सूची बनाने वाले सॉफ्टवेयर में लिंगवार या प्रखंडवार जानकारी का प्रविधान नहीं होने से देर हो रही है।


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