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Bihar Panchayat Chunav: बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी, माडल टू ईवीएम के इंतजाम में जुटा आयोग

Bihar Panchayat Election 2021 राज्य निर्वाचन आयोग एम-3 माडल ईवीएम से चुनाव करना चाहता था लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। भारत निर्वाचन आयोग ने एम-3 माडल ईवीएम इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी। ऐसे में एम-2 माडल से चुनाव कराने का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 06:34 AM (IST)
Bihar Panchayat Chunav: बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी, माडल टू ईवीएम के इंतजाम में जुटा आयोग
बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी फिर से शुरू। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, रमण शुक्ला। Bihar Panchayat Election 2021: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Chunav 2021) कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने दूसरे प्रदेशों से एम-2 माडल ईवीएम मंगाने की कवायद शुरू कर दी है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सौंपी गई सूची के आधार पर जिलाधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी ही संबंधित जिला के निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में होते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग की कोशिश है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए सूची के आधार पर पड़ोसी प्रदेशों से आवश्यक संख्या में ईवीएम मंगाई जाए। इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग के पास अपना भी ईवीएम है। ऐसे में जरूरत को ध्यान में रखकर ही आयोग ईवीएम मंगाएगा।

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एम-2 माडल ईवीएम से होगा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव

बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग एम-3 माडल ईवीएम से चुनाव करना चाहता था, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। भारत निर्वाचन आयोग ने एम-3 माडल ईवीएम इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी। ऐसे में अब अंतिम रूप से एम-2 माडल से चुनाव कराने का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया है।

छह श्रेणी के 2.50 लाख पदों पर होना है चुनाव

हालांकि, अभी तक कितने एम-2 माडल ईवीएम की आवश्यकता होगी, इसका आकलन राज्य निर्वाचन आयोग के स्तर पर पूरा नहीं किया गया है। फिर भी इतना तय है कि एम-2 माडल ईवीएम से चुनाव कराने में लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। कारण यह है कि त्रिस्तरीय पंचायतों के 2.50 लाख पदों पर आयोग को चुनाव संपन्न कराना है।

ईवीएम-एम-2 व एम-3 क्या है अंतर

ईवीएम के दोनों माडलों में काफी अंतर है। एम-3 माडल की ईवीएम से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने पर एक कंट्रोल यूनिट और छह बैलेट यूनिट के साथ एक एसडीएमएम (सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी माड्यूल) चिप की आवश्यकता होती। ऐसे में सिर्फ 15 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट के रहने पर पंचायत के सभी पदों के चुनाव कराए जा सकते थे। केवल एसडीएमएम चिप को बाहर निकलकर ईवीएम को दूसरे चरण के मतदान के लिए भेजा जा सकता था।

अधिक संसाधनों की पड़ेगी जरूरत

अब एम-2 माडल की ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने के लिए 90 हजार कंट्रोल यूनिट और 90 हजार बैलेट यूनिट की आवश्यकता होगी। पंचायतों में छह पदों के लिए चुनाव होने हैं, जिसमें छह बैलेट यूनिट में डाले गए मतों का डाटा छह कंट्रोल यूनिट में संग्रहित होगा।


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