Bihar Panchayat Chunav 2021: एक चक्र में गिने जाएंगे चार पंचायतों के वोट, एजेंट नहीं छू सकेंगे ईवीएम
Bihar Panchayat Chunav 2021 राज्य निर्वाचन आयोग मतदान से लेकर मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसी कड़ी में जिला निर्वाचन अधिकारियों को एक चक्र में कम से कम चार पंचायतों की मतगणना का प्रबंधन करने का निर्देश दिया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव ईवीएम (EVM) से कराने का मामला अभी अधर में है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) मतदान से लेकर मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसी कड़ी में जिला निर्वाचन अधिकारियों (District Election Officers) को एक चक्र में कम से कम चार पंचायतों की मतगणना का प्रबंधन करने का निर्देश दिया है। आयोग ने पारदर्शी मतगणना को लेकर भी लक्ष्मण रेखा खींच दी है। इसी कड़ी में प्रत्याशियों के मतगणना एजेंटों को दो टूक चेतावनी भी दी गई है। किसी भी सूरत में एजेंट को ईवीएम मशीन छूने की इजाजत नहीं होगी, लेकिन मतगणना मेज पर चल रही पूरी प्रक्रिया देखने की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रखंड स्तर पर ईवीएम से मतगणना को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए निर्देश
- मतगणना केंद्रों की गोपनीय सूचना लीक करने पर जाना होगा तीन महीने के लिए जेल और भरना होगा जुर्माना
विधानसभा चुनाव की तर्ज पर मतों की गिनती कराने की तैयारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव 2020 की तर्ज पर प्रबंधन सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है। कहा है कि अधिकतम वार्ड वाले पंचायत के वार्डों की संख्या के अनुसार मतगणना मेजों की संख्या तय की जा सकती है। निर्वाची पदाधिकारी विधानसभा चुनाव 2020 में नियुक्त किए गए अतिरिक्त सहायक निर्वाची पदाधिकारी की सहायता ले सकते हैं।
मतदान केंद्र से सूचना लीक करने पर होगी तीन माह की जेल
आयोग ने एजेंटों को चेतावनी दी है कि मतगणना केंद्रों की गोपनीय सूचना लीक करने पर तीन महीने के लिए जेल के साथ जुर्माना भी भरना होगा। गोपनीयता भंग को लेकर अन्य विस्तृत कार्रवाई का भी प्रविधान किया गया है। इसका मतलब यह कि मतगणना से जुड़ी जानकारियां बगैर आधिकारिक अनुमति के मतगणना केंद्र के बाहर भेजने पर प्रतिबंध रहेगा। बिहार में पंचायत चुनाव इस बार ईवीएम से कराए जाने हैं। हालांकि इसके लिए ईवीएम की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। इसके पीछे वजह यह है कि राज्य निर्वाचन आयोग को ईवीएम खरीद के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग से अनुमति नहीं मिल रही है। यह मामला फिलहाल पटना उच्च न्यायालय में चला गया है।