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बिहार पंचायत चुनाव: एक सिक्‍के के कारण मुखिया नहीं बन पाईं सारण की जूली, जीत के करीब जाकर मिली निराशा

Bihar Panchayat Chunav 2021 जूली के लिए चुनाव हार जाने का गम भुलाना आसान नहीं है। सारण जिले के मशरक प्रखंड की नवादा पंचायत की जूली कुमारी को यह गम कुछ अधिक ही रहेगा। उनकी हार केवल एक सिक्‍के की वजह से हो गई।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 09:34 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 09:34 AM (IST)
बिहार पंचायत चुनाव: एक सिक्‍के के कारण मुखिया नहीं बन पाईं सारण की जूली, जीत के करीब जाकर मिली निराशा
बराबर वोट मिले तो, सिक्का उछाल हुआ जीत का फैसला। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना/सारण/मशरक, जागरण टीम। Bihar Panchayat Chunav 2021: बिहार में चल रहे त्रिस्‍तरीय पंचायती राज चुनाव में यूं तो छह पदों के लिए योग्‍य उम्‍मीदवारों का चुनाव होना है, लेकिन इसमें सबसे अधिक लोगों की नजर मुखिया के चुनाव पर ही रहती है। मुखिया को मिली शक्तियां और रुतबे के कारण गांव की राजनीति करने वाला हर नेता मुखिया बनना चाहता है। विधायक और सांसद के स्‍वजन भी इस पद का मोह नहीं छोड़ पाते हैं। मुखिया बनने के लिए लोग पांच साल तक पापड़ बेलते हैं और लाखों रुपए तक खर्च कर देते हैं। इसके बाद भी चुनाव हार जाने का गम भुलाना आसान नहीं है। सारण जिले के मशरक प्रखंड की नवादा पंचायत की जूली कुमारी को यह गम कुछ अधिक ही रहेगा। पंचायत चुनाव जीतने के लिए रुपए पानी की तरह बहाने के बावजूद उनकी हार केवल एक सिक्‍के की वजह से हो गई।

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सिक्‍का उछाल कर हुआ मुखिया का फैसला

सारण में शुक्रवार की रात पंचायत चुनाव की मतगणना में मुखिया पद की दो प्रत्याशियों को बराबर मत मिलने पर सिक्का उछालकर जीत-हार का फैसला किया गया। छपरा इंजीनियरिंग कालेज में मशरक प्रखंड की नवादा पंचायत की मुखिया प्रत्याशी व निवर्तमान मुखिया रेणु देवी एवं पूर्व मुखिया छोटे प्रसाद की पुत्र बहू जूली कुमारी को बराबर 1602- 1602 वोट आए।

रेणु देवी को फ‍िर से मिल गई मुखिया की कुर्सी

मुखिया पद के दोनों प्रत्याशियों को एक समान वोट मिलने पर दो बार पुनर्मतगणना कराई गई। फिर भी परिणाम नहीं निकला तो नियमानुसार सिक्का उछाला गया। इसमें सिक्के ने रेणु देवी का साथ दिया। मतगणना शुरू होते ही दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर रही। जब सिक्का उछाला गया तो दोनों प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हो गईं। हालांकि, किस्मत ने रेणु देवी का साथ दिया और वह फिर मुखिया बन गईं। बिहार में अब तक चार चरण का मतदान और मतगणना हो चुकी है। पांचवें चरण का मतदान आज हो रहा है। इस दौरान सिक्‍कों के जरिए कुछ और भी रिजल्‍ट घोषित किए गए हैं, लेकिन मुखिया के लिए ऐसा शायद पहली बार हुआ है।


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