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पटना के आइजीआइएमएस में होगी ओमिक्रोन की जांच, जानें कितने दिन में आएगी रिपोर्ट

Bihar Omicron News राजधानी पटना स्थित आइजीआइएमएस में सोमवार से कोरोना संक्रमितों में ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जांच शुरू हो जाएगी। इसके लिए आवश्यक मैटेरियल (री-एजेंट) अमेरिका से दिल्ली पहुंच गया है। इसकी रिपोर्ट आने में करीब 20 दिन लगेंगे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 09:30 PM (IST)
पटना के आइजीआइएमएस में होगी ओमिक्रोन की जांच, जानें कितने दिन में आएगी रिपोर्ट
आइजीआइएमएस में ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जांच शुरू हो जाएगी। सांकेतिक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना: इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में सोमवार से कोरोना संक्रमितों में ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जांच शुरू हो जाएगी। इसके लिए आवश्यक मैटेरियल (री-एजेंट) अमेरिका से दिल्ली पहुंच गया है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार कस्टम की आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने के बाद शनिवार या रविवार तक हवाई मार्ग से पटना पहुंचने की संभावना है। इसके पहुंचने पर आइजीआइएमएस में सोमवार से कोरोना संक्रमितों की जीनोम सीक्वेंसिंग सामान्य रूप आरंभ हो जाएगी। 

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तीसरे समूह की सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया जारी

आइजीआइएमएस में दो समूह की जीनोम सीक्वेसिंग हो चुकी है। दोनों समूह में किसी में ओमिक्रोन के लक्षण नहीं मिले हंै। रिपोर्ट की तहकीकात के लिए सैंपल को पुणे स्थित लैब भेजा गया है। दोनों लैब की रिपोर्ट में अंतर नहीं मिला है। तीसरे समूह की सीक्वेसिंग की प्रक्रिया की जा रही है। अब ओमिक्रोन के जीनोम सीक्वेसिंग के लिए ज्यादा पाजिटिव मरीजों के सैंपल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 24 सैंपल के एक समूह की जीनोम सीक्वेसिंग हो सकेगा। अभी तक एक समूह के लिए 96 लोगों के सैंपल की आवश्यकता होती थी। 

क्रास वेरीफिकेशन की जरूरत नहीं

चिकित्सा अधीक्षक डा. कृष्ण गोपाल ने बताया कि अब तक कोविड संक्रमितों की जीनोम सीक्वेसिंग में किसी में भी ओमिक्रोन के तत्व नहीं मिले हैं। सीक्वेसिंग में एक में अल्फा तथा अन्य में डेल्टा वैरिएंट की पहचान हुई है। दो राउंड की रिपोर्ट की क्रास वेरीफिकेशन पुणे स्थित वायरोलाजी लैब से कराया गया, दोनों चरण में आइजीआइएमएस की रिपोर्ट कसौटी पर उतरी है। अब क्रास वेरीफिकेशन की जरूरत नहीं होगी।

रिपोर्ट के लिए लगेंगे सात से 20 दिन

आइजीआइएमएस के माइक्रोबायोलाजी विभाग की अध्यक्ष डा. नम्रता कुमारी ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों की जीनोम सीक्वेसिंग में उनके कल्चर सेंसिटिविटी की जांच की जाती है। इसमें कोरोना का डेल्टा वैरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में कोई खास म्यूटेशन नहीं दिखता है। जबकि ओमिक्रोन वैरिएंट में स्पाइक प्रोटीन पर 30-32 म्यूटेशन दिखता है। संस्थान में एक जीनोम सीक्वेसिंग की रिपोर्ट प्राप्त होने में कम से कम सात दिन और अधिकतम 20 दिन लगेगा। 


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