Bihar News: भूमि सर्वेक्षण में भी सामने आ रही म्यूटेशन जैसी सुस्ती, कामकाज में पिछड़े दिख रहे छह जिले
Bihar News बिहार में भूमि सर्वेक्षण में भी दाखिल-खारिज जैसी सुस्ती दिख रही है। राज्य में दो चरणों में इसका सर्वेक्षण हो रहा है। पहले चरण के 20 जिलों में शामिल छह जिले कामकाज में पिछड़े दिख रहे हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) की तरह विशेष भूमि सर्वेक्षण में भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अफसरों की सुस्ती सामने आ रही है। विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय को सर्वेक्षण का जिम्मा दिया गया है। नवंबर की समीक्षा में पाया गया कि अररिया, सहरसा, खगडि़या, मधेपुरा और अरवल में रफ्तार बेहद सुस्त है। नालंदा, शिवहर और किशनगंज जिले के काम पर संतोष जाहिर किया गया। निदेशक जय सिंह ने समीक्षा की।
राज्य में दो चरणों में सर्वेक्षण हो रहा है। पहले चरण के लिए 20 जिले चयनित हैं। कोरोना और चुनाव के चलते बीच में ठहराव आया था। अब फिर से काम शुरू हो गया है। इस समय संबंधित जिलों में ग्रामसभाएं हो रही हैं। इसमें ग्रामीणों को सर्वेक्षण का उद्देश्य और लाभ बताया जा रहा है। सहयोग की अपील की जा रही है। 208 विशेष शिविर लगाए गए हैं। ग्राम सभा के साथ साथ खतियान की विवरणी तैयार हो रही है।
60 अमीनों को प्रशिक्षण
विभागीय सूत्रों ने बताया कि मंगलवार से 20 जिलों में चुने गए 60 अमीनों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। दो सप्ताह का यह प्रशिक्षण पटना स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में हो रहा है। इसी तर्ज पर कानूनगो और विशेष सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद इन्हें शिविरों में तैनात किया जाएगा।
प्लाट को मिलेगा नया नंबर
सर्वेक्षण के पहले चरण में जमीन के सभी प्लाट को नए नंबर दिए जाएंगे। इसे किस्तवार कहते हैं। इसमें जमीन पर पहुंच कर इस बात की जांच की जाएगी कि किस रैयत का स्वामित्व है। इससे पहले अमीन खेतों में गांव की सीमा निर्धारित करेंगे। तीन सीमा तय कर मोनूमेंट लगाया जाएगा। फिलहाल गांव की सीमाएं सरकारी सड़क के हिसाब से निर्धारित हैं।
सबकी हो रही रैंकिंग
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग भूमि सर्वेक्षण में लगे सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कामकाज की मासिक समीक्षा कर रैंकिंग तय कर रहा है। कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त पदाधिकारी और अमीन के कामकाज समीक्षा के दायरे में है। इसी आधार पर जिलों की भी रैंकिंग की जाती है।
ये हैं अव्वल और फिसड्डी
जिलों के साथ विशेष सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों के कामकाज की भी रैंकिंग की गई है। सुपौल में तैनात प्रियबंधु विवेकानंद और श्रुति गौतम तथा बेगूसराय में तैनात प्रिया त्रिपाठी, मनीष कुमार और हर्षित कुमार सिंह टाप फाइव (पांच अव्वल) में हैं। इन जिलों में तैनात टाप फाइव के कानूनगो हैं : मो. अहसन, मो. अरशद हक, वैजंती माला यादव, प्रवीण कुमार और शाहवाज हुसैन। खराब प्रदर्शन करने वाले सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी हैं : बांका-अंकिता कुमारी, सुपौल-मो. नसीम अख्तर, श्रीराम कुमार, पश्चिम चंपारण-अमित कुमार और शेखपुरा-सुशील कुमार राय। इस श्रेणी के कानूनगो हैं : मुंगेर-सुनील कुमार पाल, दुर्गा साहु, श्यामू प्रसाद, पूर्णिया-मो. कौनैन और बेगूसराय-विक्की आनंद।