Bihar News: बक्सर में शिक्षक नियोजन में हो गई भारी गड़बड़ी, 121 गुरुजी के सर्टिफिकेट निकले फर्जी
बक्सर में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी हो गई है। बक्सर में चयनित कुल 703 अभ्यर्थियों में 121 लोगों के सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं। इसके साथ ही एक ही सर्टिफिकेट पर 8 लोगों का चयन अलग-अलग नियोजन इकाइयों में पाया गया है।
जागरण संवाददाता, बक्सर । पिछले दिनों जिले में चलाई गई शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। लेकिन इसमें व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हो गया है। यहां चयनित कुल 703 अभ्यर्थियों में 121 लोगों के सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण द्वारा की गई जांच में इसका खुलासा हुआ है। डीईओ ने बताया कि इन सभी पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, पिछले दिनों हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान प्रधान सचिव ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को चयनित सभी अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेटों को उन्हें नियुक्ति पत्र देने से पहले जांच कर लेने का आदेश दिया था ताकि, किसी की गलत बहाली न हो जाए। प्रधान सचिव से मिले आदेश के आलोक में जब डीईओ ने मामले की जांच की तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। डीईओ ने बताया कि बिहार में यह पहला मामला है, जहां इतने व्यापक पैमाने पर गड़़बड़ी की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले पंद्रह दिनों से वह इसकी जांच में लगे हुए थे। उन्होंने बताया कि इन सभी अभ्यर्थियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उससे पूर्व उन्हें उनकी बात रखने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए इस माह की 14-15 एवं 16 सितंबर की तिथि निर्धारित की गई है। उक्त तिथि में सभी को बुलाया जाएगा और उन्हें उनकी बात रखने का मौका दिया जाएगा।
चयनित 703 अभ्यर्थियों में मिले हैं 121 फर्जी
जिले में कुल 1913 रिक्त पदों के विरुद्ध 703 लोगों का चयन किया गया। जिले की आधिकारिक वेबसाइट पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी अपलोड कर दी गई है। डीईओ ने उसी सूची में चयनित अभ्यर्थियों की नियोजन इकाई से उनका फोल्डर मंगा जब उसकी जांच की तो चयनित 703 अभ्यर्थियों में 121 के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। डीईओ ने बताया कि इसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को कर दी गई है।
एक सर्टिफिकेट पर 8 नियोजन इकाइयों में हुआ चयन
जांच में कुल फर्जी पाए गए 121 अभ्यर्थियों में 8 मामले ऐसे सामने आए, जिसमें एक ही सर्टिफिकेट पर 8 लोगों का चयन अलग-अलग नियोजन इकाइयों में पाया गया। डीईओ ने बताया कि एक ही व्यक्ति के नाम से अलग-अलग नियोजन इकाई में बहाली यह कैसे संभव है जबकि, सभी का रोल नंबर भी एक है। अब तो जांच का विषय यह है कि वह सर्टिफिकेट भी सही है या फर्जी ही है।
20 बगैर टीइटी पास, 93 ने लगाया स्कैन्ड सर्टिफिकेट
जांच में 20 मामले ऐसे सामने आए, जिसमें अभ्यर्थी ने टीइटी की परीक्षा पास नहीं की है लेकिन टीइटी पास होने का सर्टिफिकेट उसने लगा दिया है और चयनित सूची में शामिल भी हो गए हैं। इससे अलग जांच में 93 ऐसे अभ्यर्थी मिले, जिन्होंने दूसरे का स्कैन किया हुआ सर्टिफिकेट लगाकर चयनित सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया।जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग में प्रधान सचिव से मिले आदेश के आलोक में जब चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेटों की जांच की गई तो 703 चयनित अभ्यर्थियों में 121 के सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए। इन सभी 14-15 एवं 16 सितंबर को बुलाया गया है।