Bihar News: कमीशनखोरी करने वाले इंजीनियर हो जाएं सावधान, खगड़िया में जेई को गंवानी पड़ गई नौकरी
जांच में पाया गया कि दीवार के लिए पाइल की गहराई 10 फीट तय थी लेकिन वास्तविक गहराई सिर्फ दो फीट पाई गई। अपनी सफाई में दास ने कहा था कि विधि व्यवस्था में ड्यूटी के कारण वह निर्माण की निगरानी नहीं कर पा रहे थे।
पटना, राज्य ब्यूरो। घटिया निर्माण के चलते दीवार गिरने से हुई छह श्रमिकों की मौत के मामले में योजना एवं विकास विभाग ने संविदा पर नियुक्त कनीय अभियंता दिनेश कुमार दास को बर्खास्त कर दिया है। खगडिय़ा जिला के गोगरी प्रखंड के बन्नी पंचायत के चण्डी टोला में इस साल अप्रैल में यह हादसा हुआ था। दीवार से दब कर छह श्रमिक मारे गए थे। यह निर्माण मुख्य मंत्री क्षेत्र विकास योजना की ओर से हो रहा था। विभाग ने जिले में तैनात कार्यपालक अभियंता को जांच का जिम्मा दिया था। जांच में कनीय अभियंता को दोषी पाया गया।
जांच में पाया गया कि दीवार के लिए पाइल की गहराई 10 फीट तय थी, लेकिन वास्तविक गहराई सिर्फ दो फीट पाई गई। अपनी सफाई में दास ने कहा था कि विधि व्यवस्था में ड्यूटी के कारण वह निर्माण की निगरानी नहीं कर पा रहे थे। जांच में पाया गया कि पाइल की संख्या और उसमें लगाई गई छड़ की मोटाई भी मानक के अनुरूप नहीं थी। इसके अलावा दास ने निर्माण के संबंध में स्थायी निर्देशों का भी उल्लंघन किया था। यह योजना 15 लाख रुपये से कम की थी। नियमत: यह निर्माण विभागीय स्तर पर होना था, लेकिन इसके निर्माण का जिम्मा दिनेश प्रसाद और वीरेंद्र कुमार नामक दो ठीकेदारों को दिया गया था।
दास की सभी दलीलें खारिज
कनीय अभियंता ने दीवार गिरने पर पूछे गए कारण बताओ नोटिस के जवाब में अपने बचाव के लिए कई तर्क दिए थे। विभागीय जांच में किसी तर्क को नहीं माना गया। एक तर्क यह था कि दीवार से सटे करीब सौ फीट की लंबाई में जेसीबी से खुदाई की गई थी। यह खुदाई नल जल योजना के लिए की गई थी। दीवार गिरने से पहले बगल से रेलगाड़ी गुजरी। इसके कंपन से दीवार गिर गई और काम कर रहे छह श्रमिकों की मौत हो गई।