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Bihar News: औरंगाबाद के नक्‍सली इलाके में बदलाव की कहानी लिख रहे बच्‍चे, हौसले से भगा रहे अशिक्षा का अंधेरा

बिहार के औरंगाबाद के नक्‍सली इलाके में इस साल कई बच्‍चों ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है। इलाके से अशिक्षा का अंधेरा दूर करते ये बच्‍चे बदलाव की नई कहानी लिख रहे हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 03:57 PM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 10:13 PM (IST)
Bihar News: औरंगाबाद के नक्‍सली इलाके में बदलाव की कहानी लिख रहे बच्‍चे, हौसले से भगा रहे अशिक्षा का अंधेरा

औरंगाबाद, मनीष कुमार। जिस इलाके में नक्सलियों एवं सुरक्षाबलों की आधुनिक हथियारों की गोलियां दहशत फैलातीं रहती हैं, जां इलाका आज भी अशिक्षा के अंधियारे में है, वहां के बच्चों की जीवन में बदलाव की यह नई कहानी है। लड़कियां अपने हौसले और जज्बे से अशिक्षा का अंधेरा दूर कर रही हैं तो लड़के शिक्षा से जीवन बदल रहे हैं। कहा गया है कि उड़ान पंख से नहीं हौसलों से होती है। यही हौसला बिहार के औरंगाबाद के नक्सल प्रभावित इलाके के बच्‍चों को जीवन में उड़ान दे रहा है।

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मैट्रिक पास कर अब इंटर में नामांकन के लिए लगा रहे दौड़

औरंगाबाद के मदनपुर थाना क्षेत्र के दक्षिणी इलाके के जुड़ाही, चिलमी, पिछुलिया, धोबीबाग, जमुनिया, शिवननगर, मुंशी बिगहा गांव के बच्‍चे कलम से अपनी तकदीर खुद लिख रहे हैं। गरीबी और अशिक्षा की कब्र पर जीवन जी रहे अभिभावकों के ये बच्चे मैट्रिक की परीक्षा पास कर अब इंटर में नामांकन कराने के लिए दौड़ लगा रहे हैं।

छात्र-छात्राओं के माता-पिता गरीब व अशिक्षित

चिलमी गांव निवासी शिवकुमार पासवान की पुत्री सोनी कुमारी, योगेंद्र यादव की पुत्री चंचला कुमारी, मिथिलेश यादव की पुत्री निक्की कुमारी,पिछुलिया निवासी राजकुमार भोक्ता की पुत्री आशा कुमारी, श्यामदेव भोक्ता के पुत्र हरिओम कुमार, शिवनगर के संजय मेहता का पुत्र रवि कुमार, मुंशी बिगहा के पुना प्रजापति के पुत्र अजीत कुमार, जुड़ाही गांव निवासी शशिभूषण कुमार के पुत्र मणिभूषण कुमार, सुरेश पासवान के पुत्र विपिन बिहारी, धोबीबाग के स्व. विजय यादव की पुत्री संगीता कुमारी, नागेंद्र यादव की पुत्री अंशु कुमारी जमुनिया गांव निवासी जनेश्वर यादव के पुत्र दीपक कुमार ने इस वर्ष मैट्रक की परीक्षा पास की है। चंचला अपने घर की पहली पीढ़ी मैट्रिक पास है। अन्य छात्र छात्राएं भी इलाके की विपरीत परिस्थितियों में भी मैट्रिक पास कर अब इंटर में ऑनलाइन नामांकन के लिए साइबर कैफै में घर से प्रखंड मुख्यालय तक दौड़ लगा रहीं हैं। चचंला ने बताया कि पढ़ लिखकर मास्टर बनेगी। माता-पिता अशिक्षित हैं। अन्य छात्र-छात्राओं के भी माता-पिता भी गरीबी और अशिक्षा में जीवन जी रहे हैं।

बच्‍चो को पुलिस ने किया सम्मानित

मैट्रिक पास करने के बाद इन छात्र-छात्राओं को मदनपुर थाना परिसर में कुछ दिन पहले सम्मानित किया गया। एएसपी अभियान राजेश कुमार सिंह एवं थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी ने सभी मैट्रिक पास छात्र-छात्राओं को कलम, कॉपी समेत अन्य सामान देकर सम्मानित कर हौसला बढ़ाया। पुलिस का मानना है कि जिस नक्सल इलाके में पढ़ने की कोई व्यवस्था नहीं है, वहां से इन बच्चों का मैट्रिक पास करना बदलाव की सुनहरी तस्वीर है।

एसपी बोले: इससे मिटेगा नक्‍सली अंधकार

एएसपी अभियान राजेश कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा से ही नक्सल अंधकार समाप्त होगा। अशिक्षा के कारण नक्सल इलाके के बच्चे हाथों में हथियार पकड़ नक्सली बन जाते हैं। जब पढ़ लिख जाएंगे और रोजगार करने लगेंगे तो उनके घर की गरीबी भी दूर होगी और नक्‍सली अंधकार भी मिटेगा।


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