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कचरे के ढेर से पट गईं पटना की सड़कें, बिहार में सफाई कर्मियों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी

Bihar Municipality Workers Strike पटना की गलियों और सड़कों से पांचवें दिन भी नहीं उठा कचरा बारिश होने से स्थिति भयावह बिहार में सफाई कर्मियों की हड़ताल अब भी जारी आज प्रधान सचिव के साथ होने वाली वार्ता पर सभी की निगाहें

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 10:32 AM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 10:32 AM (IST)
कचरे के ढेर से पट गईं पटना की सड़कें, बिहार में सफाई कर्मियों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी
पटना में सफाईकर्मियों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Strike of Municipal Workers in Bihar: बिहार में सभी शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय के सफाई कर्मियों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी रही। पटना में शनिवार की सुबह एक भी वाहन कचरा उठाव के लिए नहीं निकल सका। आउटसोर्स कर्मी कार्य के लिए यार्डों में पहुंचे। इसके बाद भी डोर टू डोर वाहन कचरा उठाव के लिए नहीं निकला। पटना की गलियों में जगह-जगह पर कचरे का ढेर लग गया है। इस बीच सुबह के वक्‍त हल्की बारिश होने के कारण स्थिति और भयावह हो गयी है। कई इलाकों में तो लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है। अब सबकी निगाहें नगर विकास विभाग एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर के साथ दोपहर 12 बजे से सचिवालय में होने वाली वार्ता पर टिकी हुई हैं।

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आज हड़ताली कर्मचारियों से समझौता हो जाता है तो युद्ध स्तर पर कचरा उठाव की तैयारी है। हड़ताल जारी रहने की स्थिति में दंडाधिकारी और फोर्स के सहारे कचरा उठाव प्रारंभ करने की कोशिश होगी। पटना में पांच दिनों से डोर टू डोर कचरा उठाव का कार्य ठप है। सिर्फ रात में शहर की मुख्य सड़कों से कचरा उठाया जा रहा है। पटना की गलियों और सड़कों पर 3600 टन से अधिक कचरा जमा होने का अनुमान है। प्रतिदिन  एक हजार टन कचरा निकलता है। नगर निगम हड़ताल की बाद भी रात में 300 टन कचरा उठाने का दावा कर रहा है। उसके दावे के अनुसार 3600 टन से अधिक कचरा सड़कों पर पड़ा हुआ है।

ग्रुप डी की वापसी के बाद ही समझौता : चंद्रप्रकाश

बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने बताया कि हमलोग वार्ता में जा रहे हैं। राज्य सरकार को ग्रुप डी के पद की वापसी की वापसी कर दैनिक कामगारों की सेवा नियमित करने की मांग को मानना पड़ेगा। इस मांग पर कोई समझौता नहीं होगा। 12 सूत्री मांगें हैं। सफाई कर्मी को भी सरकारी सेवक बनने का मौका सरकार दे।


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