Move to Jagran APP

बिहार के मुख्‍यमंत्री राहत कोष में हैं कितने अरब रुपए, जानिए कैसे होता है इसका इस्‍तेमाल

मुख्यमंत्री राहत कोष से अब तक 859 करोड़ की सहायता अकेले कोरोना से मरे लोगों के आश्रितों को 148.16 करोड़ दिए गए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री राहत कोष के न्यासी पर्षद की बैठक की ---

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:07 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 12:07 PM (IST)
बिहार के मुख्‍यमंत्री राहत कोष में हैं कितने अरब रुपए, जानिए कैसे होता है इसका इस्‍तेमाल
बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। आपदा के वक्‍त नागरिकों को आर्थिक मदद देने के लिए सरकार के स्‍तर से प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री राहत कोष जैसे फंड की व्‍यवस्‍था की गई है। हाल में केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड नाम से एक और अलग कोष का भी प्रावधान किया है। इन कोषों पर पूरी तरह सरकार का नियंत्रण नहीं होता, बल्कि ट्रस्‍ट के माध्‍यम से इनका संचालन किया जाता है। इससे सरकार के वित्‍तीय लेनदेन पर असर नहीं पड़ता है। इन फंड्स के लिए धन प्राय: चंदे के जरिए जुटाया जाता है। इसमें हर आम नागरिक भी अपनी हैसियत के मुताबिक योगदान कर सकता है। क्‍या आप जानना चाहेंगे कि बिहार के मुख्‍यमंत्री राहत कोष में फि‍लहाल कितना धन है और इसका उपयोग किस तरह किया जा रहा है?

loksabha election banner

मुख्‍यमंत्री राहत कोष में फिलहाल हैं 685 करोड़ रुपए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष के न्यासी पर्षद की 21 वीं बैठक हुई। इस दौरान यह जानकारी दी गई कि 2006-07 में मुख्यमंत्री राहत कोष में 29 करोड़ की राशि वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1502 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी। इस कोष से अब तक 859 करोड़ की मदद की गई है। मुख्यमंत्री राहत कोष में 685 करोड़ रुपये शेष हैैं। 

मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की आर्थिक सहायता की जाती है। कोरोना से मौत होने पर उनके आश्रितों को चार लाख रुपये की मदद भी मुख्यमंत्री राहत कोष से हुई। इस क्रम में 3704 मृतकों के आश्रितों को 148.16 करोड़ रुपये की सहायता की गई। लाकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री विशेष सहायता के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से 21 लाख लोगों के खाते में एक-एक हजार रुपये भेजे गए। कोरोना महामारी में अब तक मुख्यमंत्री राहत कोष से 448.16 करोड़ की सहायता लोगों को दी गई है।

कालाजार से पूर्ण मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के अंतर्गत प्रति रोगी के हिसाब से 6600 रुपये की मदद दी जा रही है। यह योजना 2011 में आरंभ हुई थे। वर्तमान में बिहार में दो हजार से भी कम संख्या में कालाजार पीडि़त लोग हैैं। दस बाढ़ प्रभावित जिलों में एक सौ बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण के लिए 59.2 करोड़ की राशि निर्गत की जा चुकी है। राहत शिविर में बाढ़ पीडि़तों को बर्तन व वस्त्र खरीदने के लिए इसी कोष से प्रति व्यक्ति छह-छह सौ रुपये की मदद की गई। राहत शिविर में लड़के के जन्म पर पर दस हजार तथा लड़की के जन्म पर 15 हजार रुपये का भुगतान किया गया।

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने 20 वीं बैठक की कार्यवाही का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। यह जानकारी दी गई कि बाल श्रम उन्मूलन से मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों को आवासन के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से पच्चीस हजार रुपये की मदद दी जा रही है। बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार भी मौजूद थे। वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी एसके सिंघल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, राज्यपाल के सचिव आरएल चोंग्थू तथा आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल जुड़े थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.