Bihar Mukhiya Result 2021: पंचायत चुनाव में 78% मुखिया नहीं बचा पाए कुर्सी, डिप्टी सीएम के भाई भी हारे
Bihar Mukhiya Chunav Result 2021 देर रात तक आए नतीजों के मुताबिक पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी पुराने प्रतिनिधियों को हार का सामना करना पड़ा है। साफ है कि पांच वर्षों के उनके काम को जनता ने स्वीकार नहीं किया। नए लोगों को मौका दिया गया।
राज्य ब्यूरो, पटना। पंचायत चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले आ रहे हैं। शुक्रवार की देर रात तक आए नतीजों के मुताबिक पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी पुराने प्रतिनिधियों को हार का सामना करना पड़ा है। साफ है कि पांच वर्षों के उनके काम को जनता ने स्वीकार नहीं किया। नए लोगों को मौका दिया गया। सबसे ज्यादा जिला परिषद सदस्यों की हार हुई है। चनपटिया में डिप्टी सीएम रेणु देवी के भाई रवि कुमार भी हार से बच नहीं सके। प्रदेश के करीब 78 फीसद मुखिया भी अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं। पहले चरण के चुनाव में भी 81 फीसद से अधिक मुखिया पर जनता ने दूसरी बार भरोसा नहीं किया था।
दूसरे चरण में 34 जिलों के 48 प्रखंडों की 692 पंचायतों के लिए 29 सितंबर को वोट डाले गए थे। देर रात तक परिणाम आने का सिलसिला जारी था। दैनिक जागरण को शुक्रवार देर रात तक 342 पंचायतों के मुखिया पद के निर्वाचन के नतीजे मिल चुके थे। इनमें से 267 मुखिया दोबारा जीतकर नहीं आ पाए। हालांकि इनमें से कई ऐसे भी रहे हैं, जिन्हें तीसरी बार जीत नसीब हुई है। जिला परिषद सदस्यों का हाल तो और भी बुरा है। देर रात तक प्राप्त नतीजे के मुताबिक 86 फीसद सदस्यों को हार का सामना करना पड़ा है। जिला परिषद में गया में चार सीटों पर चुनाव था। सभी नए को मौका मिला है। पुराने हार गए। बेगूसराय, अरवल, आरा, हाजीपुर, रोहतास, नालंदा, बक्सर और औरंगाबाद में देर रात तक जितनी सीटों के नतीजे आए थे, सभी की हार हुई है।
मनरेगा मजदूर चलाएगी गांव की सरकार
कई पंचायतों में ऐसे लोगों को भी चुना गया है, जिनकी कोई विशेष पहचान नहीं थी। किंतु मतदाताओं ने उन्हें पसंद किया। जमुई जिले की सहोरा पंचायत में मनरेगा मजदूर रेखा देवी ने मुखिया पद का चुनाव जीत लिया। वह ईंट भट्ठे पर काम करती हैं। अब गांव की सरकार चलाएंगी। पश्चिमी चंपारण जिले में एमबीए के छात्र अरविंद कुमार महतो भी अब मुखिया बन गए। खगड़िया में जयप्रकाश यादव जेल में रहकर चुनाव लड़े और जीतकर जिला परिषद सदस्य बन गए।