महागठबंधन पॉलिटिक्स: राजद के साथ आई कांग्रेस व वीआइपी, हम ने किया कमेंट तो रालोसपा ने साधी चुप्पी
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश की राजनीति में उठा-पटक का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस और वीआइपी के नेता राजद के समर्थन में आए। रालोसपा ने चुप्पी साधी तो हम ने निशाना।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश की राजनीति में उठा-पटक का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को राजद के पांच विधान पार्षद पार्टी छोड़ जदयू में शामिल हुए हैं। राजद में हुई इस टूट के बाद महागठबंधन के सहयोगियों में शामिल जीतन राम मांझी की पार्टी को छोड़ तमाम दल राजद के साथ खड़े दिखे। राजद में इस टूट को किसी ने लोकतंत्र के लिए खतरा बताया तो किसी ने जदयू की सोची-समझी साजिश। मांझी की पार्टी हम (से.) ने कहा कि पूंजीपंतियों की जगह कार्यकर्ताओं को टिकट दिया होता तो ऐसी टूट नहीं होती।
... तो अकेले रह जाएंगे लालू, तेजस्वी : हम
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि यदि पूंजीपतियों की बजाय राजद ने मेहनती कार्यकर्ताओं को टिकट दिया होता तो पार्टी में ऐसी टूट नहीं होती। दानिश ने कहा अभी भी वक्त है कि राजद महागठबंधन के सहयोगियों का सम्मान करे और महागठबंधन को अटूट रखने को समन्वय समिति बनाए। अगर ऐसा नहीं होगा तो राजद प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव राजद में अकेले रह जाएंगे।
विपक्षी दलों को तोडऩा अनैतिक: कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि राजद में टूट जदयू की सुनियोजित साजिश है। डॉ. झा ने कहा कि लोकतंत्र में विधायकों-सांसदों को तोडऩा अनैतिक और अलोकतांत्रिक आचरण है। वहीं प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए विपक्ष का होना जरूरी है। पर भाजपा जदयू जैसी पार्टियां लोकतंत्र को कमजोर करने पर आमदा हैं।
जनता की सेवा की जगह साजिश में जुटा जदयू : वीआइपी
विकासशील इंसान पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने राजद में टूट का ठीकरा जदयू पर फोड़ा। सहनी ने कहा कि कोरोना काल में जब जदयू को अपना ध्यान लोगों की सेवा पर लगाना चाहिए तो पार्टी तोडफ़ोड़ की साजिश में जुटी हुई है। राजद में टूट जदयू की वास्तविक मानसिकता समझने के लिए बहुत है।
रालोसपा ने साधी चुप्पी
राजद में इतनी बड़ी टूट हो गई। पांच पार्षद जदयू में शामिल हो गए। हम की ओर से लालू यादव और तेजस्वी यादव को नसीहत देते हुए निशाना साधा गया। इसके बाद भी रालोसपा की ओर से चुप्पी बनी हुई है। रात नौ बजे तक उपेंद्र कुशवाहा की ओर से इस मामले में कोई ट्वीट नहीं किया गया है। हालांकि कुशवाहा की ओर से ट्वीट किया गया है, लेकिन दूसरे विषयों पर।