Move to Jagran APP

Bihar Unlock News: बिहार में 2 जून से शुरू हो सकती है अनलॉक की प्रक्रिया,

बिहार में लाॅकडाउन प्रशासन की सख्ती और लोगों की जागरूकता से कोविड रफ्तार धीमी हुई है। अब नेताओं और जिलों के डीएम ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने का इशारा किया है। उधर व्‍यवसायियों व ट्रांसपोटरों ने कारोबार व टैक्‍स में छूट देने की मांग की है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 08:22 AM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 01:30 PM (IST)
Bihar Unlock News: बिहार में 2 जून से शुरू हो सकती है अनलॉक की प्रक्रिया,
बिहार में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, जागरण टीम । कल सोमवार (31 मई) को बिहार के मुख्‍य सचिव की अध्‍यक्षता में आपदा प्रबंधन समूह की बैठक प्रस्‍तावित है। इसके बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में कुछ पांबदियों के साथ अनलॉक-1 की घोषणा कर सकते हैं। इसके पहले सभी जिलों के डीएम ने शनिवार को समीक्षा बैठक में कुछ पांबदियों के साथ लॉकडाउन में ढ़ील देने पर सहमति दे दी है। एक जून को लॉकडाउन की अवधि समाप्‍त हो रही है। बिहार के सभी जिलों के डीएम के फीडबैक, नेताओं की सहमति, ट्रांसपोटरों और व्‍यापारी वर्ग की मांग को देखते हुए 2 जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने की पूरी संभावना है। 

loksabha election banner

कमजोर पड़ने लगी दूसरी लहर

बिहार में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पडऩे लगी है। पहली अप्रैल से राज्य में दूसरी लहर ने जोर पकडऩा शुरू किया था। एक अप्रैल को सूबे से 488 नए कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद से संक्रमण की जो रफ्तार बढऩी शुरू हुई, वह 30 अप्रैल आते-आते 15,853 तक जा पहुंची। 30 अप्रैल को राज्य में एक्टिव केस 1,05,400 तक जा पहुंचे। लगातार बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने 5-15 मई तक राज्य में लाकडाउन लागू कर दिया। बाद में लॉकडाउन को विस्‍तारित करते हुुए एक जून तक लागू किया गया। अब बीते शनिवार 29 मई को अब पूरे राज्‍य में 14सौ के करीब संक्रमण के मामले मिले हैं। इसके बाद हर तरफ से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने की मांग उठने लगी है।

कपड़ा व्‍यावसायियों ने कहा, गोदाम में बबार्द हो रहा माल

बिहार टैक्सटाइल चैंबर आफ कामर्स ने कहा है कि शादी के सीजन वाले कपड़ों सहित अन्य तरह के कपड़े दुकानों और गोदामों में बर्बाद हो रहे हैं। कपड़ा व्यवसायियों को बचाने के लिए अब कारोबार करने की अनुमति मिलनी चाहिए क्योंकि कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ चुका है।

चैंबर के प्रधान सचिव रंजीत सिंह ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण लगभग एक माह से पटना जिले में कपड़ों की दुकानें बंद हैं। पिछले साल के लॉकडाउन में कारोबार नहीं हो पाया था। इस साल अधिक कारोबार की उम्मीद थी। इसलिए कपड़े का बड़ा स्टाक तैयार किया गया था7 लेकिन इस साल भी लॉकडाउन हो गया। रंजीत ङ्क्षसह ने कहा है कि अब कोरोना नियंत्रण में आ चुका है। हमारे नुकसान और संक्रमण के घटते मामलों को देखते हुए अब कपड़ा दुकानों को लॉकडाउन से छूट मिलनी चाहिए।

सिंह ने कहा कि इन दिनों हमारा मुनाफा शून्य हो गया है जबकि दुकान का किराया, कर्मचारियों का वेतन आदि पूर्व की तरह देना पड़ रहा है। कपड़ा व्यवसाय शुरू होने से इस विपरीत स्थिति से हमें राहत मिल सकेगी।

व्यापारियों को उठक-बैठक नहीं  करा सकते अधिकारी : मंत्री

उधर, हम के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जीतन राम मांझी ने भी ईशारों-ईशारों में ही लॉकडाउन का विरोध किया है। सीएम नीतीश कुमार को सलाह दी है कि कोविड पर नियंत्रण लॉकडाउन से नहीं गांवो तक उप स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों को दुरूस्‍त करने से होगा। अन्‍य कई नेताओं ने अनलॉक की प्र‍क्रिया शुरू करने पर सहमति जताई है। शनिवार को बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के साथ एक वर्चुअल संवाद के दौरान व्यापारियों को आगे बढ़ाने के साथ ही उनके सम्मान की रक्षा के लिए राज्य सरकार सतत प्रयत्नशील है। अगर व्यापारियों को लॉकडाउन की आड़ में कोई अधिकारी परेशान कर रहा है तो संज्ञान में लाएं, कड़ी कार्रवाई होगी।   

ट्रांसपोटर्स ने टैक्‍स में छूट और राशन देने की मांग की

  बिहार में तीन लाख से ज्‍यादा ट्रांसपोर्ट मालिक और उनके कर्मचारियों ने सरकार से कहा है कि कोविड के कारण हमारे सामने भूखमरी की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई है। उपर से वाहनों का फिटनेस शुल्क, परमिट शुल्क एवं रोड टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा है। इस संबंध में ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव राजकुमार झा ने परिवहन सचिव को पत्र भेजकर ट्रांसपोर्ट मालिकों एवं मजदूरों को संकट से उबारने की मांग की है।  कहा है कि मजदूरों के तर्ज पर वाहन चालक और कर्मियों को मुफ्त राशन दिया जाए। लॉकडाउन के दौरान फिटनेस शुल्क, परमिट शुल्क एवं रोड टैक्स माफ किया जाए।  

लाकडाउन का दिखने लगा असर : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मानते हैं कि लाकडाउन लगाने का फैसला एक सही कदम था। लाकडाउन के सख्त नियम, प्रशासन की सख्ती के साथ राज्य की आम जनता के स्व- अनुशासन ने दूसरी लहर को कमजोर करने में बड़ा योगदान दिया।

बाजार, दुकानें बंद होने से भी पड़ा असर : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ सुनील कुमार कहते हैं कि कोरोना को नियंत्रित करने में लाकडाउन की बड़ी भूमिका रही। लाकडाउन से जहां कोरोना की चेन टूटी, वहीं लोगों के बेवजह घूमने-फिरने को भी प्रतिबंधित किया जा सका। बाजार बंद करना, दुकानों को एक निश्चित समय के लिए खोलने, वाहनों की आवाजाही पर रोक, मास्क को लेकर सख्ती ने सूबे की पूरी तस्वीर ही बदल दी।

बनाए रखना होगा स्व-अनुशासन : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अजय कुमार कहते हैं, कोरोना संक्रमण से हालात एक बार फिर न बिगड़े इसके लिए आवश्यक है कि लोग स्व-अनुशासन बनाकर रखें। प्रशासन की सख्ती सही है, लेकिन लोगों का दायित्व बनता है वे स्व अनुशासन का पालन ऐसे ही करते रहें। यदि ऐसा करने में लोग सफल रहे तो वह दिन दूर नहीं जब बिहार कोरोना मुक्त राज्य बन जाएगा। 

कोरोना के 05-28 मई तक के आंकड़े एक नजर में :

* नए पॉजिटिव केस मिले - 64005

* लॉकडाउन में स्वस्थ - 2,05,668

* एक्टिव केस कम हुए - 88,670

* कोविड टेस्ट किए गए - 27,44,841

* इस दौरान कुल मौत - 20,17

(नोट : 28 मई तक के आंकड़ों पर आधारित)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.