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नौकरी के लिए बिहार सरकार के इस नंबर पर महाराष्ट्र, गुजरात; दिल्ली और हरियाणा से आ रहे कॉल

Bihar Job Alert प्रवासी कामगारों को घर में ही रोजगार देने की तैयारी है। ग्रामीण कार्य विभाग ग्रामीण विकास विभाग उद्योग विभाग और कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं में रोजगार दिलाने की तैयारी है। इसके लिए टॉल फ्री नंबर भी जारी किया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 11:41 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 11:41 AM (IST)
नौकरी के लिए बिहार सरकार के इस नंबर पर महाराष्ट्र, गुजरात; दिल्ली और हरियाणा से आ रहे कॉल
कोरोना की दूसरी लहर के बीच लौट रहे प्रवासी कामगारों को घर में ही रोजगार देने की तैयारी है।

राज्य ब्यूरो, पटनाः कोरोना की दूसरी लहर के बीच बिहार लौट रहे प्रवासी कामगारों को घर में ही रोजगार देने की तैयारी है। श्रम संसाधन विभाग ने प्रवासी कामगारों की मदद के लिए टॉल फ्री नंबर (18003456138) जारी किया है, जिस पर महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और हरियाणा से कॉल आ रहे हैं। इनमें से अधिकतर यह जानना चाह रहे हैं कि घर वापसी पर उन्हेंं काम मिलेगा या नहीं? पिछले साल वापस लौटे करीब साढ़े नौ लाख कामगारों की स्किल मैपिंग कराई गई थी। साढ़े तीन लाख प्रवासियों को रोजगार भी दिया गया था। इस बार भी स्किल मैपिंग की तैयारी है। राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए युवा एवं महिला उद्यमी योजना को मंजूरी दी है।

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श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि कामगारों को रोजगार दिलाने के लिए संबंधित विभागों को हर स्तर पर कार्य योजना को क्रियान्वित करने का निर्देश दिया गया है। प्रवासी कामगारों को गांव में ही रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। केंद्र प्रायोजित गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत सभी जिलों में कम से कम 125 दिनों तक रोजगार दिया जाएगा। केंद्र प्रायोजित जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना समेत अन्य योजनाओं से ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर तो पैदा होंगे ही, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचा भी तैयार होगा।

श्रम संसाधन विभाग से उन्हीं कामगारों को मदद देने का प्रावधान है जो बिहार भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड से निबंधित हैं। उनकी संख्या 14.87 लाख है। दुर्घटना में मृत्यु पर आश्रित को एक लाख रुपये देने अनुदान का प्रविधान है। घायलों को अपंगता के आधार पर 75 हजार रुपये तक दिए जाते हैैं। कुशल श्रमिक व राजमिस्त्री को औजार खरीद के लिए अलग-अलग अनुदान दिया जाता है। महामारी एवं अन्य आपदा की स्थिति में आपदा प्रबंधन विभाग सारा इंतजाम करता है। 

जिलेवार होगी श्रमिकों की स्किल मैपिंग

प्रवासी कामगारों की इस बार भी जिलेवार स्किल मैपिंग कराने की तैयारी है। दूसरे राज्यों से आए प्रत्येक श्रमिक का सरकार स्किल मैपिंग डाटा तैयार कराने जा रही है। पिछले साल भी उद्योग विभाग ने स्किल मैपिंग कराया था, जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है। लौटे मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने के लिए जरूरी जॉब कार्ड भी तुरंत बनवाए जाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि गांवों में मनरेगा के काम तुरंत शुरू कर दिए जाएं।


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