बिहार की जेलों में नहीं मिलेगी जिंस और बंडी पहनने की इजाजत, खुद के बनाए कपड़े ही पहनेंगे कैदी
बिहार की जेलों में अब सभी कैदी पहनेंगे एक जैसा कपड़ा बाहर से कपड़े खरीद कर पहनने की नहीं होगी इजाजत जेल में ही तैयार कपड़ा मिलेगा पहनने को बेउर जेल में लगाए जाएंगे छह पावरलूम अब सभी कैदियों के लिए एक समान ड्रेस
पटना, चंद्रशेखर। Bihar Jail News: बिहार की जेलों में बंद कैदियों में बड़ा-छोटा, गरीब-अमीर का भेद न हो, इसके लिए जेल प्रशासन ने सभी के लिए एक ही तरह का वस्त्र अनिवार्य कर दिया है। पहले केवल सजायाफ्ता कैदियों को ही जेल का वस्त्र पहनना अनिवार्य किया गया था। अब विचाराधीन कैदियों के लिए भी यह अनिवार्य किया गया है। इसके लिए कारा प्रशासन बाहर से कपड़ा नहीं खरीदेगा, बल्कि जेल में ही पावरलूम लगाने का निर्णय लिया गया है। कारा महानिरीक्षक मिथिलेश मिश्र ने सभी केंद्रीय कारा में पावरलूम लगाने व कैदियों से ही लूम चलवाने और कपड़ा निर्माण का निर्देश दिया है।
बेउर जेल में छह पावरलूम खोलने की कवायद शुरू
सरकार से निर्देश मिलते ही बेउर जेल में छह पावरलूम खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है। पावरलूम इंस्टॉल करने पर साठ लाख रुपये तक खर्च होंगे। हालांकि वास्तविक राशि कंपनियों द्वारा कोटेशन मिलने के बाद ही निर्धारित की जाएगी। अभी केंद्रीय कारा में कई कैदियों द्वारा ब्रांडेड कपड़े पहनने की सूचना मिल रही है। कारा महानिरीक्षक ने सभी के एक समान रहन-सहन के लिए नई व्यवस्था की है। छह पावरलूम से जेल में बंद सारे कैदियों के लिए कपड़े का निर्माण कराया जाएगा।
एक पावरलूम पर छह कैदी करेंगे ड्यूटी
एक पावरलूम पर दो शिफ्ट में छह-छह कैदियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इस तरह प्रतिदिन 72 कैदियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। पहले चरण में बेउर जेल में तीन ही पावरलूम लगाए जा सकते हैं। इसके बाद दूसरे वित्तीय वर्ष में तीन और पावरलूम लगाए जाएंगे। एक महीने के अंदर काफी कपड़े तैयार कर लिए जाएंगे। पहले चरण में सजायाफ्ता कैदियों को ही वस्त्र मुहैया कराया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में विचाराधीन कैदियों को भी ड्रेस मुहैया करा दिया जाएगा। एक पावरलूम लगाने में आठ से दस लाख रुपये खर्च हो सकते हैं।
ब्रांडेड कपड़े पहनने की नहीं मिलेगी छूट
आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर के काराधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि आदर्श केंद्रीय कारा बेउर में सारे कैदी एक ही रंग व एक ही डिजाइन के कपड़े पहनेंगे। कैदियों को ब्रांडेड कपड़ा पहनने की छूट नहीं दी जाएगी। कैदी खुद ही जेल में पावरलूम से कपड़ा निर्माण करेंगे और खुद ही इसकी सिलाई भी करेंगे। उन्हें पावरलूम चलाने व कपड़ा काटने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी कोरोना संक्रमण बढ़ने से मामला थोड़ा टल गया है, पर संक्रमण की गति मंद पड़ते ही पावरलूम लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।