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बिहार: शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए जरूरी खबर, 15 फरवरी तक देना होगा संपत्ति का ब्योरा

बिहार में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण राज्‍य सरकार को देना है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए 15 फरवरी 2021 की अंतिम तिथि निर्धारित की है। क्‍या है यह आदेश जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 04:29 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 04:29 PM (IST)
बिहार: शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए जरूरी खबर, 15 फरवरी तक देना होगा संपत्ति का ब्योरा
बिहार के शिक्षा विभाग का लोगो। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार सरकार (Bihar Government) ने शिक्षा विभाग (Department of Education) के सभी अधिकारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी (Declaration of Assets) 15 फरवरी 2021 तक देने का आदेश दिया है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। विदित हो कि राज्‍य सरकार भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम के तहत जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी अधिकारियों की संपत्ति का विवरण लेती है। खुद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्‍टाचार को सहन नहीं करने की अपनी नीति को लेकर गंभीर रहे हैं। शिक्षा विभाग का ताजा आदेश इसी की कड़ी है। इस आदेश के बाद विभागीय  अधिकारियों में सरगर्मी तेज है।

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इन अधिकारियों को देना है संपत्ति का विवरण

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के आदेश के मुताबिक राज्‍य के शिक्षा विभाग के सभी निदेशकों के अलावा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक, मिड डे मील के निदेशक, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम के प्रबंध निदेशक, बिहार बोर्ड के सचिव, संस्कृत शिक्षा बोर्ड के सचिव, मदरसा बोर्ड के सचिव, संस्कृत अकादमी, मैथिली अकादमी, बंगला अकादमी, भोजपुरी अकादमी, दक्षिण भारतीय भाषा अकादमी, बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी, केपी जायसवाल शोध संस्थान, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पुस्तकालय एवं सूचना केंद्र के निदेशक को संपत्ति का पूरा ब्योरा देना है।

संपत्ति का ब्‍योरा देते हैं जनप्रतिनिधि एवं सरकारी अधिकारी

विदित हो कि सरकार भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम के तहत जनप्रतिनिधियों (Peoples Representative) एवं सरकारी अधिकारियों (Government) से उनकी संपत्ति का ब्‍योरा लेती है। खुद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी अपनी संपत्ति का ब्‍योरा सार्वजनिक किया है। सरकारी अधिकारियों की संपत्ति के ब्‍योरा के माध्‍यम से यह पता लगाना आसान होता है कि अर्जित संपत्ति उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से मेल खाते हैं या नहीं।


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