बिहार में रिटायर्ड पुलिस अफसरों को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी, राज्य भर के खास मामलों को करेंगे डील
Bihar Police इन्वेस्टिगेशन सेल में जांच की कमान संभालेंगे रिटायर्ड पुलिस अफसर सेवानिवृत्त अवर निरीक्षक एवं सहायक अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी का होगा पुनर्नियोजन सेल में तैनात सभी डीएसपी के काम की निगरानी सीनियर एसपी रैंक के अधिकारी करेंगे
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में बड़े आपराधिक मामलों की जांच में सहयोग के लिए बनाया गया अनुसंधान निगरानी कोषांग यानी इन्वेस्टिगेशन मानीटरिंग सेल जल्द अपना काम शुरू करेगा। राज्य मुख्यालय स्तर पर बनाए जाने वाले मानीटरिंग सेल के लिए पुलिस मुख्यालय रिटायर्ड पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों की सेवा लेगा। गृह विभाग ने समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव की ओर से दिए आदेश में कहा गया है कि इन्वेस्टिगेशन सेल के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त अवर निरीक्षक एवं सहायक अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी का पुनर्नियोजन किया जाए। पदाधिकारियों, सहायकों एवं अन्य कर्मियों की सीधी नियुक्ति या पदस्थापन होने तक रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त पदाधिकारियों एवं सहायकों के पुनर्नियोजन की विवरणी तैयार कर सामान्य प्रशासन विभाग को अधियाचना भेजने का निर्देश दिया गया है।
69 पदों की मिली है स्वीकृति
इंवेस्टिगेशन मानीटरिंग सेल (आइएमसी) के लिए गृह विभाग ने 69 पदों की स्वीकृति मिली है। इसका नेतृत्व पुलिस अधीक्षक करेंगे। उनके साथ सात डीएसपी, 13 पुलिस इंस्पेक्टर, आठ आशु सहायक अवर निरीक्षक, 21 कंप्यूटर संचालक, 11 सिपाही एवं आठ चालक सिपाही होंगे। टीम के गठन के साथ ही अनुसंधान निगरानी कोषांग की जवाबदेही भी तय कर दी गई है। अनुसंधान निगरानी कोषांग के तहत पटना रेंज को एक डीएसपी मिला है। इसके अलावा प्रत्येक दो रेंज पर एक डीएसपी को जवाबदेही दी गई है। सभी डीएसपी के काम की निगरानी सीनियर एसपी रैंक के अधिकारी करेंगे।
कानूनी सलाह व फारेंसिक जांच में भी सहयोग
इन्वेस्टिगेशन सेल आपराधिक मामलों की जांच में कानूनी सलाह देने के साथ फारेंसिक जांच जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराएगा। इसके गठन का उद्देश्य अंतरराज्यीय, अंतरजिला या अन्य बड़े मामलों की जांच समय-सीमा के अंदर पूरा कराना भी है। अभी लंबित व बड़े मामलों के निबटारे के लिए थाना स्तर पर विशेष अनुसंधान इकाई और जिला स्तर पर विशेष अनुसंधान कोषांग का गठन किया गया है। इन दोनों के ही कामों की निगरानी व जरूरत के अनुसार सहयोग के लिए सेल का गठन किया गया है।
इसके अलावा जांच की गुणवत्ता बढ़ाने में भी सेल सहयोग करेगा। इसके लिए थाना एवं जिलास्तर के पुलिसकर्मियों को कानून, विधि विज्ञान एवं अन्य आधुनिक तकनीक से जुड़ा प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा। अनुसंधान कार्य में जुटे पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण में एटीएस की भी मदद ली जाएगी।