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बिहार में डीएसपी से फिर दारोगा बनाने का फरमान, प्रोमोशन देने वाले पर भी होगी कार्रवाई

Bihar Police News बिहार पुलिस में दारोगा से प्रोमोशन पाते हुए डीएसपी बनने वाले अधिकारी पर सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। साथ ही इस दागी दारोगा को प्रोमोशन देने वाले अधिकारी पर भी सरकार कार्रवाई की तैयारी में जुटी है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 08:11 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 08:11 AM (IST)
बिहार में गृह विभाग का सख्‍त आदेश। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Police News: बिहार पुलिस में दारोगा से प्रोमोशन पाते हुए डीएसपी बनने वाले अधिकारी पर सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। साथ ही इस दागी दारोगा को प्रोमोशन देने वाले अधिकारी पर भी सरकार कार्रवाई की तैयारी में जुटी है। इसी तरह पटना के कोतवाली थाने में दर्ज एक मर्डर केस में फरार चल रहे डीएसपी को सरकार ने सात दिनों के अंदर रिपोर्ट करने का फरमान दिया है। आगे आपको दोनों ही मामलों को ठीक तरीके से समझने का मौका मिलेगा।

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त्रिपुरारी शरण की प्रोन्‍नति रद करते हुए कार्रवाई शुरू होगी

पुलिस विभाग में अवर निरीक्षक से पुलिस उपाधीक्षक पद पर प्रोन्नत होने वाले पुलिस अधिकारी त्रिपुरारी प्रसाद की प्रोन्नति रद्द करते हुए गृह विभाग ने उन पर विभागीय कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा विभाग की ओर से एक और आदेश जारी कर गृह विभाग ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया है कि वर्ष 2006 में निगरानी कांड दर्ज होने के बावजूद बगैर जांच के त्रिपुरारी प्रसाद को प्रोन्नति कैसे दी गयी।

प्रोन्‍नति देने वाले अधिकारी पर भी कार्रवाई की मांग

गृह विभाग का निर्देश है कि इस संदर्भ में प्रोन्नति देने वाले संबंधित पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि त्रिपुरारी प्रसाद पर निगरानी में मामला दर्ज है जिसकी जांच चल रही है। वर्तमान में वह पुलिस विभाग की विशेष शाखा में डीएसपी के पद पर तैनात हैं।

कोतवाली मर्डर केस में आठ साल से फरार हैं अरशद जमां

कोतवाली मर्डर केस में आठ वर्षों से फरार चल रहे दरभंगा के तत्कालीन वरीय पुलिस उपाधीक्षक अरशद जमां को गृह विभाग ने सात दिनों में रिपोर्ट करने को कहा है। उन्हें पुलिस मुख्यालय की आइजी (आधुनिकीकरण) केएस अनुपम के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। आश्चर्य की बात है कि आठ वर्षों की अवधि में दो बार उनका स्थानांतरण भी हो गया है, मगर पुलिस अधिकारी ने योगदान नहीं किया है। अब गृह विभाग ने उनपर विभागीय कार्रवाई की शुरुआत की कर दी है। दरभंगा मुख्यालय में पुलिस उपाधीक्षक के तौर पर 180 दिन के लिए अवकाश दिया था। अवकाश की अवधि 29 जुलाई 2013 में पूरी होने के बाद से उन्होंने सेवा में योगदान नहीं किया।

हिरासत में अभियुक्त की हो गयी थी मौत

पटना के कोतवाली में डीएसपी के पद पर रहते हुए हिरासत में यातना के कारण एक अभियुक्त की मौत हो गई थी। इसके बाद उन पर कोतवाली कांड संख्या 503/03 में आइपीसी की धारा 302, 342, 201 और 34 के तहत मुकदमा दर्ज है। इसके बाद उनका दरभंगा में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर स्थानांतरण हो गया। इस दौरान अभियुक्त के पिता ने डीएसपी पर केस दर्ज कर दिया जिस मामले में कोर्ट ने वारंट भी जारी किया हुआ है।


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