दरभंगा, भागलपुर व बक्सर के आयुर्वेदिक कॉलेजों में शुरू होगी पढ़ाई, 10 हजार डॉक्टर होंगे बहाल
बिहार सरकार दरभंगा भागलपुर और बक्सर के आयुर्वेदिक कॉलेजों में फिर से पढ़ाई शुरू कराने की तैयारी में जुटी है। इसके साथ ही पटना सिटी और नौबतपुर में नया अस्पताल बनाने की भी तैयारी है। ये बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को कहीं। -
पटना, राज्य ब्यूरो। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधानपरिषद में बताया कि पटना सिटी स्थित नवाब मंजिल में 50 बेड का आयुष अस्पताल खोला जाएगा। इसके भवन निर्माण का काम चल रहा है। इसके अलावा नौबतपुर में भी 30 बेड के नए अस्पताल के निर्माण की योजना पर विचार किया जा रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष में निधि की उपलब्धता के अनुरूप कार्य कराया जा सकेगा। सदस्य प्रो. खालीद अनवर और सीपी सिन्हा के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि राज्य में जल्द ही 3270 आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए बिहार तकनीकी सेवा आयोग को अधियाचना भेजी गई है। इसके अलावा 2632 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी और 3706 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी की नियमित नियुक्ति के लिए बिहार तकनीकी सेवा आयोग को अधियाचना भेजी है।
इनकी होगी नियुक्ति
- 3270 आयुर्वेदिक, यूनानी व होमियोपैथी डॉक्टर
- 2632 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी
- 3706 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी
बेगूसराय कॉलेज में 10 साल बाद पढ़ाई शुरू
आयुर्वेदिक कॉलेज बेगूसराय पिछले 10 वर्षों से बंद था। यहां शिक्षण कार्य शुरू कराया गया है। दरभंगा, भागलपुर और बक्सर के भी आयुर्वेदिक कॉलेजों में पढ़ाई शुरू कराने की योजना है। निजी क्षेत्र में भी अधिक से अधिक आयुष कॉलेज खोले जाए इसके लिए शीघ्र ही एक रोड मैप तैयार कराया जाएगा।
बड़े अस्पतालों की सफाई पर खर्च हुए 56 करोड़
बिहार विधानपरिषद में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य के नौ बड़े अस्पतालों की साफ-सफाई पर पिछले तीन साल में 56 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई है। पीएमसीएच, पटना की सफाई पर 16.92 करोड़, डीएमसीएच, दरभंगा की सफाई पर 5.67 करोड़, एएनएमसीएच, गया की सफाई पर 2.70 करोड़, जेएलएनएमसीएच भागलपुर की सफाई पर 7.11 करोड़, जेएनकेटीएमसीएच, मधेपुरा की सफाई पर 1.94 करोड़, एनएमसीएच पटना की सफाई पर 14.64 करोड़, विम्स पावापुरी की सफाई पर 2.61 करोड़ और जीएमसीएच, बेतिया की सफाई पर 86.97 लाख रुपये पिछले तीन सालों में खर्च हुए हैं। भाजपा सदस्य प्रो. नवल किशोर यादव ने सवाल किया कि इतने खर्च के बाद भी अस्पतालों में बदबू, सीलन और संक्रामक वस्तुएं पसरी रहती हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि साफ-सफाई में कमी पाए जाने पर एकरारनामा के प्रावधानों के अनुसार सफाई एजेंसी के भुगतान में कटौती की जाती है।
दो माह में एएनएम छात्राओं को मिल जाएगी छात्रावृत्ति
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य के 21 एएनएम स्कूलों में छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान कर दिया गया है। शेष 11 एएनएम स्कूलों में टैगिंग मैपिंग नहीं होने के कारण आवंटन का कार्य नहीं हो पाया है। दो माह के अंदर आवंटर उपलब्ध कराकर यहां भी भुगतान कर दिया जाएगा। वह विधानपरिषद में सदस्य संजय कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे।