बिहार में कोरोना के केस बढ़ते ही जांच के नियम में दो बड़े बदलाव, जरूर जान लें सरकार का फैसला
Bihar Omicron Coronavirus Update बिहार में कोरोना की तीसरी लहर प्रचंड होने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए नियमों में कई बड़े बदलाव कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए अब जांच नियमों में बदलाव किया गया है।
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार में कोरोना की तीसरी लहर प्रचंड होने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए नियमों में कई बड़े बदलाव कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि कोरोना आशंकितों की जांच केंद्रों पर बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए अब जांच नियमों में बदलाव किया गया है। अब हर व्यक्ति अपनी मर्जी से कोरोना जांच नहीं करा सकेगा, भले ही वह किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आया हो। बिना लक्षण वाले किसी भी व्यक्ति की अब कोरोना जांच नहीं की जाएगी। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बदलाव भी किया गया है।
अब एंटीजन जांच के आंकड़ों को भी मानेगी सरकार
अब जिन लोगों में लक्षण हैं, उनकी पहले एंटीजन विधि से जांच की जाएगी। यदि उसमें वह पाजिटिव पाया जाता है तो उसे संक्रमित माना जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपने 10 दिन पुराने आदेश को रद कर दिया है। यदि लक्षण वाले व्यक्ति की एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आती है तभी उसकी आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी। सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि लैब में आरटी-पीसीआर जांच के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए ऐसा किया गया है। इसके अलावा स्टेशनों पर एंटीजन जांच जारी रहेगी और इच्छुक लोग काउंटर पर जाकर खुद अपनी जांच करा सकेंगे।
अब तक आरटीपीसीआर के ही आंकड़े ले रही थी सरकार
कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एंटीजन किट से जांच में संक्रमित आए मरीजों को पाजिटिव केस गिनना बंद कर दिया था। ऐसे लोगों की दोबारा आरटीपीसीआर जांच कराई जाती थी। आरटीपीसीआर में संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों का डाटा ही राज्य स्तर से जारी किया जाता था और कोविड पोर्टल पर अपलोड किया जाता था।
राजधानी में 26 डाक्टर समेत रिकार्ड 2,566 नए संक्रमित
पटना में सोमवार को रिकार्ड 2,566 लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इसके पहले सात मई 2021 को 2,633 संक्रमित मिले थे। सोमवार को मिले संक्रमितों में 26 डाक्टर व 13 चिकित्साकर्मी हैं। इसके साथ ही जिले में उपचाराधीन संक्रमितों की संख्या बढ़कर 11 हजार 707 हो गई है। इनमें से करीब 200 संक्रमित भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पटना में एक दिन में चार हजार तक मरीज भी मिले थे।
सामुदायिक संक्रमण को देखते हुए बदली रणनीति
सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी सिंह ने कहा कि अब राजधानी में कोरोना का सामुदायिक संक्रमण हो चुका है। ऐसे में होम स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में हैं इसलिए उनकी बेहतर देखरेख सुनिश्चित करने के साथ जांच प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
एम्स में मिले संक्रमितों में 192 पटना के, 11 वेंटिलेंटर पर
एम्स पटना के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि सोमवार को 5,870 नमूनों की जांच में 596 की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इनमें से 192 पटना के हैं। 11 गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।