बिहार के किसान अनाज रखने के लिए बना सकते निजी गोदाम, सरकार देगी नौ लाख रुपए तक अनुदान
बिहार में अनाज के लिए गोदाम बनाने पर किसानों को मिलेगा सरकारी अनुदान इस साल 400 पैक्सों में तैयार होंगे नए गोदाम हर पैक्स में जमीन की उपलब्धता के आधार पर 500 टन और 1000 टन गोदाम निर्माण की प्राथमिकता
पटना, दीनानाथ साहनी। इस साल अनाज भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए 400 पैक्सों में गोदाम निर्माण पूरा कराया जाएगा। इसके लिए 105 करोड़ राशि खर्च की जा रही है। दो किस्तों में 28 करोड़ और 33 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिए गए हैं। बाकी भी इस माह जारी कर दी जाएगी। प्रविधान के मुताबिक सुरक्षित और टिकाऊ गोदाम के लिए तय माडल को भवन निर्माण विभाग के अभियंता से तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद पैक्सों द्वारा निर्माण कार्य पूरा किया जाता है। निगरानी भी अभियंता के स्तर से होती है।
अनाज भंडारण क्षमता 13 लाख 11 हजार टन
सहकारिता सचिव वंदना प्रेयषी के मुताबिक राज्य में कुल 8,463 पैक्सों में 6600 के पास गोदाम हैं। भंडारण क्षमता 13 लाख 11 हजार टन है। नए गोदाम बनने से डेढ़ लाख टन भंडारण क्षमता का सृजन होगा। जिन पैक्सों के पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध है, वहां पर 500 टन और 1000 टन क्षमता वाले गोदाम निर्माण की प्राथमिकता दी जा रही है। 200 टन क्षमता के गोदाम निर्माण के लिए 14 लाख, 500 टन के लिए 32 लाख और 1000 टन क्षमता के लिए 58 लाख रुपये दिया जाता है। विशेष परिस्थिति में जिस पैक्स के पास जमीन कम है वहां 200 टन भंडारण क्षमता वाले गोदाम की स्वीकृति दी जाती है।
खुद का गोदाम बना सकेंगे किसान, मिलेगा अनुदान
ग्रामीण क्षेत्र में किसान अब अपना गोदाम बना सकेंगे। अनाज के सुरक्षित रख-रखाव के लिए किसान छोटे-छोटे गोदाम बना सकेंगे। इसके लिए उन्हें अनुदान दिया जाएगा। सामान्य श्रेणी के लिए 5 लाख रुपए या लागत के 50 प्रतिशत में जो कम होगा, अनुदान मिलेगा। एससी-एसटी को 9 लाख या लागत के 75 प्रतिशत में जो कम होगा, मिलेगा।
किसानों को मिलेगा फायदा
ज्यादातर किसानों के पास गोदाम नहीं है। किसान फसलों को ज्यादा दिनों तक नहीं रोक पाते। सीजन में फसल सस्ती होती है, लेकिन बाद में भाव बढ़ जाते हैं। गोदाम नहीं होने पर किसान खुले बाजार में फसल बेच देते हैं। ऐसे में नुकसान होता है। खुद का गोदाम होगा तो अनाज भंडारण कर सकेंगे। बाजार के रुख को देखकर अनाज बेच सकेंगे।