बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों को नया काम देगी सरकार, मांझी और संजय जायवाल ने किया स्वागत
Bihar Panchayati Raj News खास बात यह है कि सरकार मौजूदा पंचायत प्रतिनिधियों को ही नई जिम्मेदारी देने जा रही है। इसके लिए जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई भी दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी इसके बारे में काफी कुछ कहा है।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Bihar Panchayat Chunav 2021: बिहार में पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 15 जून को खत्म होने जा रहा है। चुनाव कराने के मौके पर ही कोरोना की दूसरी लहर के प्रचंड रूप अख्तियार करने से नए सत्र के लिए पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव नहीं हो सका तो सरकार ने नई वैकल्पिक व्यवस्था बना दी है। खास बात यह है कि सरकार मौजूदा पंचायत प्रतिनिधियों को ही नई जिम्मेदारी देने जा रही है। इसके लिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई भी दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी इसके बारे में काफी कुछ कहा है। मांझी और मुकेश सहनी पहले से ही पंचायत जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
अब नई व्यवस्था में भी जनप्रतिनिधियों को अहम भूमिका
बिहार सरकार ने 15 जून के बाद पंचायतों में विकास व अन्य योजनाओं को गति देने के लिए एक परामर्शी समिति बनाने का लिर्णय लिया गया है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि इस परामर्शी समिति में पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका रहेगी। उनके अलावा समिति में सरकारी कर्मचारी, अधिकारी व विधानमंडल व संसद के निर्वाचित प्रतिनिधियों की ओर से मनोनीत लोग भी हो सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी इसी तरफ इशारा किया है। उनकी पार्टी हम सरकार में शामिल है। इधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मंगलवार को जारी बयान में कहा है कि पंचायती राज व्यवस्था को लेकर सरकार ने परामर्शी समिति के गठन का सर्वश्रेष्ठ निर्णय लिया है।
पंचायतों के लिए सरकार ने लिया सर्वश्रेष्ठ निर्णय : जायसवाल
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में परामर्शी समिति का गठन करने का निर्णय लेने के लिए बिहार सरकार को धन्यवाद दिया है। कहा है कि सही समय पर लिया गया एक सही फैसला है। जायसवाल ने लिखा कि ऐसी परिस्थिति में अगर हम पंचायतों को भंग कर सारी शक्तियां पंचायत सेवक, बीडीओ और ईओ को दे देते हैं तो भ्रष्टाचार की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसीलिए सरकार ने एक बैलेंस बनाने के लिए पंचायत के मुखिया, वार्ड पार्षद और ग्राम सेवक की समिति और जिला परिषद में परामर्शी समिति के निर्माण का निर्णय लिया है, जो उस पंचायत के सभी कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करेंगे।
विकास कार्यों पर नहीं पड़ेगा कोई असर
संजय जायसवाल ने कहा कि नई व्यवस्था से जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारियों के सामूहिक निर्णय से सभी प्रकार के विकास कार्य होंगे। उन्होंने लिखा कि कोरोना और संभावित बाढ़ की विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करना भी आवश्यक था और चुनाव आचार संहिता के नियमों का पालन भी जरूरी था, इसलिए परिस्थितियों को देखते हुए यह सर्वश्रेष्ठ निर्णय है।