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बिहार सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना को ले दो-चार दिनों में करेगी सर्वदलीय बैठक

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कांग्रेस भाकपा माकपा भाकपा (माले) व एआइएमआइएम के प्रतिनिधियों ने राज्य में जातीय जनगणना के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके विधानसभा कक्ष में भेंट की। मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 05:11 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 05:11 PM (IST)
बिहार सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना को ले दो-चार दिनों में करेगी सर्वदलीय बैठक
बिहार सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार अपने स्तर व खुद के खर्चे से जाति आधारित जनगणना कराए जाने को ले अगले दो-चार दिनों में सर्वदलीय बैठक बुलाएगी। उक्त बैठक में इस बात पर सहमति बनेगी कि किस स्वरूप में बिहार में राज्य सरकार अपने स्तर से जाति आधारित जनगणना कराए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कांग्रेस, भाकपा, माकपा भाकपा (माले) व एआइएमआइएम के प्रतिनिधियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके विधानसभा कक्ष में भेंट की। मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौैंपा। मुख्यमंत्री से मिलकर लौटने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि इतना तो तय है कि राज्य सरकार अब अपने स्तर से जाति आधारित जनगणना कराएगी।

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  • - राज्य के स्तर पर जाति आधारित जनगणना को ले दो-चार दिनों में सर्वदलीय बैठक
  • - तेजस्वी सहित विपक्ष के नेताओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की, ज्ञापन भी दिया
  • - तेजस्वी ने कहा सर्वदलीय बैठक में तय होगा कि किस तरह से होगी जाति आधारित जनगणना

सभी सहयोगी दलों का इस मुद्दे पर समर्थन

तेजस्वी ने कहा कि जाति आधारित जनगणना पर किसी का विरोध नहीं है। पूर्व में विधानमंडल से दो बार इस आशय का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो चुका है। मेरे ही प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इस बाबत प्रधानमंत्री से भेंट की थी। लालू प्रसाद लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। सभी सहयोगी दलों ने उनका इस मुद्दे पर समर्थन किया है। 

नीति आयोग क्या कहता है इसका भी चल जाएगा पता

तेजस्वी ने कहा कि नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यहां 52 प्रतिशत लोग गरीब हैं। कौन लोग गरीब हैं इसकी पहचान जाति आधारित जनगणना से ही होगी। इससे उनके लिए योजनाओं का बनाया जाना संभव हो सकेगा। जब तक वैज्ञानिक तरीके से जाति आधारित जनगणना नहीं होगी तब तक यह संभव नहीं हो पाएगा। सभी जाति में गरीब हैं। यह बिहार के हित में है।


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