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बिहार के 23 जिले सूखाग्रस्त घोषित, किसानों को सरकार क्या देगी राहत, जानिए

राज्य के 23 जिलों के 206 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। जिन प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है वहां राज्य सरकार किसानों को राहत देगी। जानिए इस खबर को....

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 11:01 AM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 03:31 PM (IST)
बिहार के 23 जिले सूखाग्रस्त घोषित, किसानों को सरकार क्या देगी राहत, जानिए
बिहार के 23 जिले सूखाग्रस्त घोषित, किसानों को सरकार क्या देगी राहत, जानिए

पटना [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य में अल्प वर्षापात की समीक्षा को लेकर देर शाम हुई बैठक में सूबे के 23 जिलों के 206 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया।

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कृषि विभाग की स्थल रिपोर्ट के आधार पर प्रखंडों को तीन पैमाने के तहत आकलन कर सूखाग्रस्त घोषित किया गया। जन प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है वहां वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए किसानों के सहकारिता ऋण, राजस्व लगान एवं सेस, पटवन शुल्क व कृषि से सबंधित विद्युत शुल्क की वसूली स्थगित रहेगी। 

वैकल्पिक कृषि और अन्य राहतों के लिए योजना

सूखाग्रस्त प्रखंडों में फसल को बचाने, वैकल्पिक कृषि कार्य की व्यवस्था, रोजगार के साधन का इंतजाम तथा पशु संसाधनों के उचित रखरखाव के लिए सहाय्य कार्य चलाए जाएंगे। फसल की सुरक्षा एवं बचाव के लिए कृषि इनपुट के रूप में डीजल, बीज आदि पर सब्सिडी का इंतजाम किया जाएगा। अधिकतम दो हेक्टेयर की

अधिसीमा तक कृषि इनपुट सब्सिडी एसडीआरएफ या एनडीआरएफ के मान दर के अनुरूप मान्य होगा। इनपुट सब्सिडी के लिए 15 नवंबर तक किसानों को निबंधन कराना है। फसल सहायता योजना के लिए 31 अक्टूबर तक निबंधन कराना है।

नए चापाकल लगाए जाएंगे

सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार नए चापाकल लगाए जाएंगे। प्रभावित इलाकों में आवश्यकता के हिसाब से टैैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जाएगी। खराब चापाकलों की मरम्मत की जाएगी।

पशुओं के लिए शिविर, सोलर पंप लगाकर पानी का इंतजाम

जलाशय सूखने की रिपोर्ट के तहत यह तय किया गया है कि स्थल चयन कर पशुओं के लिए शिविर बनाएं जाएं। वहां सोलर पंप के माध्यम से जल का इंतजाम किया जाए।

जल संरक्षण योजनाओं को मनरेगा के तहत ली जाए

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि मनरेगा के तहत जल संरक्षण योजनाएं चलाई जाएं। तालाब, आहर व पईन की उड़ाही को प्राथमिकता दी जाए।

जिलास्तर पर चौबीस घंटे नियंत्रण कक्ष

डीएम के नेतृत्व में सुखाड़ साहय्य कार्य चलेंगे। जिला स्तर पर चौबीस घंटे नियंत्रण कक्ष काम करेगा।

फसल सहायता योजना व कषि इनपुट सब्सिडी

किसानों को फसल सहायता योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अपील की है कि इसके लाभ के लिए 31 अक्टूबर तक निबंधन करा लें। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कृषि इनपुट का लाभ दिया जाएगा।

इन जिलों के प्रखंडों को घोषित किया गया सूखाग्रस्त 

1. पटना 2. मुजफ्फरपुर 3. नालंदा 4. भोजपुर 5. बक्सर 6. कैमूर 7. गया 8. जहानाबाद 9. नवादा 10. औरंगाबाद 11. सारण 12. सिवान 13 गोपालगंज 14. बांका 15 भागलपुर 16. जमुई 17. शेखपुरा 18. वैशाली 19. दरभंगा 20 मधुबनी 21. समस्तीपुर 22. मुंगेर 23. सहरसा।

सूखाग्रस्त के मानक 

- खेत की मौलिक स्थिति  

- फसलों के मुरझाने की स्थिति 

- उपज में 33 फीसद की कमी 


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