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बिहार: सुशील मोदी ने पेश किया दो लाख करोड़ का बजट, शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च

वित्तमंत्री सुशील मोदी ने आज सदन में दो लाख करोड़ का बजट पेश किया। सरकार ने सबसे ज्यादा ध्यान शिक्षा पर दिया है। 2004-5 के बजट से इस बार का बजट नौ गुना ज्यादा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 10:19 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 08:46 PM (IST)
बिहार: सुशील मोदी ने पेश किया दो लाख करोड़ का बजट, शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च
बिहार: सुशील मोदी ने पेश किया दो लाख करोड़ का बजट, शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च

पटना, जेेएनएन। विधानमंडल में मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 2,00,501.01 करोड़ का बजट पेश किया। बजट में सरकार ने लोगों को बेहतर शिक्षा, सड़क एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का संकल्प दर्शाया है। वहीं गांवों के विकास पर भी फोकस है। शिक्षा पर वार्षिक योजना मद की कुल राशि का 20.31 प्रतिशत खर्च किया जाएगा। मोदी ने कहा कि किसानों के लिए दिसंबर तक बिजली का अलग फीडर तैयार हो जाएगा। बजट में किसी नए टैक्स की घोषणा नहीं की गई है। 

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विधानसभा में बजट पेश करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2004-05 में बजट आकार मात्र 23,885 करोड़ रुपये का था, जो अब नौ गुना बढ़ चुका है। पिछले वर्ष से तुलना करें तो 2019-20 का बजट 23,510.74 करोड़ से अधिक का है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में बिहार को भारत सरकार, विश्व बैंक एवं अन्य संस्थाओं से विभिन्न उपलब्धियों के लिए 11 पुरस्कार मिले हैं। सामाजिक बदलाव के लिए जो आंदोलन सरकार ने चला रखा है, उसे जबर्दस्त जन समर्थन मिल रहा है। बाल विवाह में 2005-06 के मुकाबले 20 फीसद की कमी आई है। 

उन्होंने कहा कि 11.3 प्रतिशत की विकास दर के साथ देश में सर्वाधिक विकास दर हासिल करने के बावजूद कुछ लोगों को विकास कहीं नजर नहीं आ रहा है। सदन में बजट पेश करने के तुरंत बाद संवाददाता सम्मेलन में सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आपातकाल स्थिति के लिए सरकार ने 875 करोड़ रुपये का सिंकिंग फंड (निक्षेप निधि) बनाया है। शिक्षा के बाद सबसे अधिक राशि ग्रामीण विकास और ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर खर्च होगी। मुख्य सड़कों एवं ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर अगले वित्तीय वर्ष में 15,833.89 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लगभग इतनी ही राशि 15814.87 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास पर खर्च किए जाएंगे। शिक्षा, सड़क और गांवों के विकास के साथ-साथ स्वास्थ्य और ऊर्जा को भी बजट में फोकस में रखा गया है। स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने पर जहां 5149.45 करोड़ रुपये खर्च होंगे, वहीं ऊर्जा प्रक्षेत्र के लिए 4583.13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 2008-09 से सरकार बीच में एक वर्ष को छोड़ लगातार राजस्व सरप्लस बजट पेश करती आ रही है। इस बार 21,516 करोड़ का राजस्व सरप्लस बजट पेश किया गया है। पिछले वर्ष केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 76,172.37 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि 2019-20 में 89,121.79 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि युवाओं के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए बजट में 833.40 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में राष्ट्रीय औसत और बिहार के औसत का फासला लगातार घट रहा है। 

वार्षिक योजना मद में मुख्य खर्च

विभाग          राशि(करोड़ में)  प्रतिशत 
शिक्षा           20309.03       20.31 
ग्रामीण विकास  15814.87      15.81 
ग्रामीण कार्य    9896.97        9.90 
समाज कल्याण  6997.63        7.00 
पथ निर्माण      5936.92        5.94 
स्वास्थ्य         5149.45        5.15 
ऊर्जा            4583.13        4.58 
पीएचईडी        3225.34        3.23 
पंचायती राज     3114.00        3.11 
शहरी विकास एवं आवास 3075.00  3.07 
अन्य            21898.64       21.90  

बजट के आंकड़ों पर एक नजर 
कुल बजट  ---2,00,501.01 करोड़ 
योजना खर्च----1,01,391.00 करोड़ 
स्थापना एवं प्रतिबद्ध खर्च -- 99,110.01 करोड़ 
वेतन पर खर्च     --- 51,740.71 करोड़ 
पेंशन पर खर्च     --- 18,457.53 करोड़


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