बिहार सरकार ने विधानसभा में पेश किया सवर्ण आरक्षण बिल, जानिए इसकी खास बातें
बिहार सरकार ने विधानसभा में गरीब सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण देने का बिल पेश कर दिया है। इस बिल की बाबत पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसद आरक्षण देने की व्यवस्था की पहल राज्य सरकार कर दी है। विधानसभा में संबंधित विधेयक (बिल) मंगलवार को पेश किया गया। राज्य में पहले से लागू आरक्षण की व्यवस्था में बिना किसी परिवर्तन के नई व्यवस्था की लागू जाएगी।
विदित हो कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी नौकरियों व शिक्षा में 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी है। इसके बाद बिहार सरकार ने भी संबंधित विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है।
दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगा आरक्षण
विधेयक के मुताबिक यह आरक्षण व्यवस्था वैसे लोगों के लिए होगी, जिन्हें राज्य में पहले से लागू अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा पिछड़े वर्गों की आरक्षण व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा है। दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए यह व्यवस्था नहीं होगी। बिहार के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को राज्य सरकार की सभी भर्तियों में 10 फीसद आरक्षण का लाभ मिलेगा। नामांकन के संबंध में यह राज्य के सभी विश्वविद्यालयों, उनसे संबद्ध कॉलेजों, प्राइमरी, मिडिल व हाई स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में लागू होगा।
विधेयक के मुताबिक बिहार सहकारी समिति अधिनियम 1935 के अधीन सभी निबंधित सहकारी संस्थानों, जिनमें राज्य सरकार द्वारा शेयर पूंजी लगाई गई हो और जो राज्य सरकार से ऋण, अनुदान एवं अन्य तरह की मदद लेते हों, इसके अधीन आएंगे।
निजी क्षेत्र व घरेलू सेवाओं में नहीं मिलेगा लाभ
विधेयक में यह भी साफ कर दिया गया है कि नई आरक्षण व्यवस्था का लाभ निजी क्षेत्रों, घरेलू सेवाओं के साथ स्थानांतरण एवं प्रतिनियुक्ति द्वारा भरे जाने वाली सेवाओं में नहीं मिलेगा। डेढ़ महीने से कम दिनों के लिए अस्थाई नियुक्तियों, अनुकंपा के आधार पर की गई नियुक्तियों में भी इसका लाभ नहीं दिया जाएगा।