बिहार: रिमांड होम में दुष्कर्म रोकने को ट्रांसजेंडर बनेंगे गार्ड! सरकार कर रही विचार
बिहार में रिमांड होम में दुष्कर्म की कई घटनाएं हुईं हैं। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए मुख्यमंत्री को लोक संवाद कार्यक्रम में किन्नरों (ट्रांसजेंडर्स) को गार्ड बनाने का सुझाव मिला है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार में रिमांड होम और शार्ट स्टे सेंटर में गार्ड का जिम्मा ट्रांसजेंडर्स को सौंपे जाने के एक प्रस्ताव का सरकार अध्ययन कर रही है। मुख्यमंत्री के लोकसंवाद कार्यक्रम आए एक सुझाव और फिर इस बारे में पत्रकारों के सवाल पर समाज कल्याण विभाग के सचिव अतुल प्रसाद ने इसकी जानकारी दी। लोकसंवाद कार्यक्रम में और भी कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले।
ट्रांसजेंडर्स को ही जाए गार्ड की जिम्मेवारी
समाज कल्याण विभाग के सचिव ने कहा छपरा स्थित शार्ट स्टे सेंटर में दुष्कर्म की घटनाओं में यह बात सामने आई कि वहां के गार्ड ने ही दुष्कर्म किया था। अब विभाग के स्तर से यह योजना बन रही है कि प्रशिक्षण देकर ट्रांसजेंडर्स को ही इन जगहों पर गार्ड की जिम्मेवारी दी जाए।
किन्नर कल्याण बोर्ड का अपना दफ्तर तक नहीं
लोक संवाद कार्यक्रम में किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य रेशमा प्रसाद ने यह कहा कि किन्नर कल्याण बोर्ड का सरकार ने गठन तो जरूर कर दिया है पर उसका अपना दफ्तर तक नहीं है। समाज कल्याण विभाग के सचिव ने कहा कि किराए पर भवन लिया जा रहा है। इसी तरह सैनिटरी नैपकिन के बारे में भी रेशमा ने सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग एक सर्वे कर ले कि किन्नरों की संख्या कितनी है और वे कहां-कहां हैैं।
पशुओं के क्रय में मिलने वाली सब्सिडी में फर्जीवाड़ा
आस्तिक शर्मा ने मुख्यमंत्री को कहा कि पशुओं के क्रय में मिलने वाली सब्सिडी में फर्जीवाड़ा हो रहा है। दुधारू पशु के क्रय पर पचास फीसदी सब्सिडी मिलती है। संबंधित अधिकारी के सामने सब्सिडी लेने वाला व्यक्ति दूसरे के जानवर के साथ तस्वीर करवा कर सब्सिडी ले लेता है। उसमें संबंधित अधिकारी का भी कमीशन रहता है। आस्तिक ने वेटेनरी कॉलेज के लिए लाए गए जानवरों को भरपेट भोजन नहीं दिए जाने से संबंधित सुझाव भी दिए।
अंतर नियोजन इकाई तबादला कराएं
चंदन कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि विद्यालयों का माहौल सुधारने के लिए वहां अंतर नियोजन इकाई तबादला कराएं। अगर इसमें किसी तरह की अड़चन है तो अपने ही नियोजन इकाई में स्थित अलग-अलग विद्यालय में शिक्षकों के तबादले किए जाएं।
प्रखंड स्तर पर पुस्तकालय खोले जाएं
सौरभ सुमन ने मुख्यमंत्री को यह सुझाव दिया कि प्रखंड स्तर पर पुस्तकालय खोले जाएं। ऐसा करने से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को सहूलियत होगी।