चुनाव के पहले CM नीतीश का आरक्षण कार्ड, इन जातियों को मिलेगा ST का दर्जा
बिहार में अब मल्लाह, निषाद (बिंद, बेलदार, चाॅयें, तीयर, खुलवट, सुरहिया, गोढ़ी, वनपर, केवट) एवं नोनिया जातियों को अनुसूचित जनजाति का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी अनुशंसा की है।
पटना [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य सरकार ने मल्लाह, निषाद (बिंद, बेलदार, चाॅयें, तीयर, खुलवट, सुरहिया, गोढ़ी, वनपर, केवट) एवं नोनिया जाति को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने की अनुशंसा इथनोग्राफिक अध्य्यन रिपोर्ट के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को भेजा है। इसके बाद उक्त जातियों को अनुसूचित जनजाति को प्राप्त आरक्षण का लाभ भी मिलेगा। इस फैसले को आगामी चुनाव के पहले सरकार का आरक्षण कार्ड माना जा रहा है।
वर्ष 2015 में राज्य सरकार द्वारा मल्लाह, निषाद (बिंद, बेलदार, चाॅयें, तीयर, खुलवट, सुरहिया, गोढ़ी, वनपर, केवट) एवं नोनिया जाति को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने के लिये अनुषंसा जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को भेजी गयी थी।
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को इन जातियों पर इथनोग्राफिक अध्य्यन कराकर रिपोर्ट के साथ अनुषंसा भेजने की मांग की थी। केन्द्र सरकार की मांग पर राज्य सरकार द्वारा अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्य्यन संस्थान, पटना से मल्लाह, निषाद (बिंद, बेलदार, चाॅयें, तीयर, खुलवट, सुरहिया, गोढ़ी, वनपर, केवट) एवं नोनिया जाति के संबंध में इथनोग्राफिक अध्य्यन कराया गया।
अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्य्यन संस्थान, पटना द्वारा इथनोग्राफिक अध्य्यन कर अनुकूल रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गयी है।
अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्य्यन संस्थान, पटना द्वारा सौंपी गयी अनुकूल रिपोर्ट के आलोक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा मल्लाह, निषाद (बिंद, बेलदार, चाॅयें, तीयर, खुलवट, सुरहिया, गोढ़ी, वनपर, केवट) एवं नोनिया जाति को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने हेतु अनुशंसा इथनोग्राफिक अध्य्यन रिपोर्ट के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को प्रेषित की गयी है।