बिहार के सरकारी दफ्तर बनेंगे स्मार्ट, ऐसे बदलेगा कामकाज का तरीका ...जानिए
बिहार सरकार के दफ्तर भी अब कॉरपोरेट अॉफिस की तरह स्मार्ट बनेंगे। इन कार्यालयों में कामकाज करने का तरीका भी पूरी तरह बदल जाएगा।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के सरकारी दफ्तर अब स्मार्ट बनेंगे। कॉरपोरेट कार्यालयों की तर्ज पर वे आधुनिक भी बनाए जाएंगे। सरकार ने इसके लिए सभी 46 विभागों को वाइ-फाइ से जोड़ते हुए ई-ऑफिस परियोजना की शुरुआत कर दी है। इसका उद्देश्य परियोजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और तेजी लाना है। इसके साथ सचिवालय के साथ ही दूसरे सरकारी दफ्तरों में अब कामकाज का तरीका बदल जाएगा।
सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग ने ई-समीक्षा प्रणााली लागू करने के लिए भी सॉफ्टवेयर का निर्माण किया है। इस सॉफ्टवेयर से फाइलों को ट्रैक किया जा सकेगा। प्रयोग के तौर पर अभी कुछ विभागों में 'फाइल ट्रैकिंग' का काम प्रारंभ किया गया है। सरकार प्रयास में है कि विभागीय फाइलों का निपटारा एक समय सीमा के अंदर हो साथ ही विभागों की कार्य प्रणाली और चुस्त-दुरुस्त हो।
फाइल ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर के जरिए अधिकारी अपने लैपटॉप या डेस्क टॉप में सिर्फ आइडी से लॉग-इन कर यह जान सकेंगे कि उन्होंने जिस फाइल का निष्पादन किया है वह फाइल कब ऊपर के अधिकारी ने नीचे भेजी और नीचे फाइल कहां दबी हुई है। फाइल टै्रकिंग सिस्टम यह तमाम जानकारी देने में सक्षम है। प्रयोग के तौर पर 22 विभाग, तीन जिलों और करीब दस लोक उपक्रमों में इस पद्धति से फाइल टै्रकिंग की जा रही है।
सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग ने एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है। इस सॉफ्टवेयर से यह पता लगाया जा सकेगा कि मुख्यमंत्री सचिवालय, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के साथ ही विभागाध्यक्षों के द्वारा जो निर्देश-आदेश दिए गए, उनका अनुपालन हुआ या नहीं।
प्रत्येक चरण में आदेश का अनुपालन होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी को सॉफ्वेयर में यह जानकारी देनी होगी कि उन्होंने अपना कार्य समाप्त कर लिया है। इन बदलावों के साथ ही 'सकलैन' परियोजना के जरिए विभिन्न विभागों को वाइ-फाइ की सेवा भी मुहैया कराई गई है। इसका मकसद सही समय पर सूचना का आदान-प्रदान करना है।